महाभारत के “कर्ण” का अंत – मनोरंजन जगत में शोक की लहर
भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में अमर नाम बना चुके अभिनेता पंकज धीर का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। 68 वर्षीय धीर लंबे समय से पैंक्रियाटिक कैंसर (Pancreatic Cancer) से जूझ रहे थे।
उनकी मृत्यु की पुष्टि CINTAA (Cine and TV Artistes’ Association) ने की और बताया कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4:30 बजे विले पार्ले, मुंबई में किया जाएगा।
पंकज धीर ने अपने चार दशक लंबे करियर में न सिर्फ टीवी बल्कि बॉलीवुड में भी गहरी छाप छोड़ी।
उनकी सबसे यादगार भूमिका रही – ‘महाभारत’ के कर्ण की, जिसे उन्होंने इतनी गहराई से निभाया कि आज भी लोग उन्हें उसी किरदार से जोड़ते हैं।
फिल्मी परिवार से ताल्लुक, लेकिन बन गए टीवी के “महानायक”
पंकज धीर का जन्म 9 नवंबर 1956 को पंजाब में हुआ था। वे एक फिल्मी परिवार से थे – उनके पिता सी.एल. धीर एक प्रसिद्ध फ़िल्मकार थे।
शुरुआत में पंकज निर्देशन की ओर जाना चाहते थे, लेकिन 1983 की फ़िल्म ‘सूखा’ में उन्हें अभिनय का पहला मौका मिला, जिसने उनकी दिशा बदल दी।
फिर आया 1988, जब बी.आर. चोपड़ा ने उन्हें ‘महाभारत’ में कर्ण का किरदार दिया।
दिलचस्प बात यह है कि शुरुआत में उन्होंने अर्जुन के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन बी.आर. चोपड़ा ने उन्हें कर्ण के लिए चुना — जिसे पंकज धीर ने बाद में “मेरी किस्मत का फैसला” कहा।
“कर्ण” का ऐसा जादू कि बने मंदिरों में पूज्य
‘महाभारत’ में कर्ण का उनका अभिनय इतना प्रभावशाली था कि लोग उन्हें वास्तविक कर्ण मानने लगे।
उनकी छवि स्कूल की किताबों में छपी और उनके किरदार पर आधारित दो मंदिर बनाए गए — एक करनाल (हरियाणा) और दूसरा बस्तर (छत्तीसगढ़) में।
एक पुराने इंटरव्यू में पंकज धीर ने कहा था —
“मैंने खुद उन मंदिरों का दौरा किया है, जहां मेरी 8 फीट की प्रतिमा है। लोग मुझे कर्ण मानकर पूजा करते हैं। यह मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद है।”
टीवी से फिल्मों तक — हर किरदार में दम
‘महाभारत’ के बाद उन्होंने कई हिट टीवी शोज़ में काम किया —
चंद्रकांता (1994)
द ग्रेट मराठा
कानून
हरिश्चंद्र
बढ़ो बहू
ससुराल सिमर का
हर किरदार में उन्होंने वही सादगी और गंभीरता दिखाई जो कर्ण में थी।
फिल्मों की बात करें तो उन्होंने ‘सदक’ (1991), ‘सौगंध’ (1991), ‘सनम बेवफा’ (1991), ‘सोल्जर’ (1998), ‘बादशाह’ (1999) और ‘तार्ज़न: द वंडर कार’ (2004) जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया।
2014 में उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा और ‘माय फादर गॉडफादर’ फिल्म बनाई, जो उनके क्रिएटिव माइंड का प्रमाण थी।
परिवार और रिश्ते — एक मजबूत नींव
पंकज धीर की पत्नी अनीता धीर खुद भी एक जानी-मानी टीवी एक्ट्रेस हैं।
उनका बेटा निकितिन धीर, जो ‘जोधा अकबर’, ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ और ‘सूर्यवंशी’ जैसी फिल्मों में नज़र आ चुका है, पिता के नक्शेकदम पर चल रहा है।
उनकी बहू कृतिका सेंगर भी टीवी जगत की मशहूर अभिनेत्री हैं (‘झांसी की रानी’, ‘छोटी बहू’)।
नेटवर्थ और सफलता
कई रिपोर्ट्स (Wion, BusinessUpturn) के अनुसार, पंकज धीर की अनुमानित नेटवर्थ लगभग $180 मिलियन (करीब ₹1,500 करोड़) थी।
यह केवल उनकी एक्टिंग से नहीं बल्कि प्रोडक्शन, डायरेक्शन और अन्य बिज़नेस वेंचर्स से भी आई।
वे मुंबई के अंधेरी में एक आलीशान बंगले में रहते थे और फिल्म इंडस्ट्री में एक सम्मानित स्थान रखते थे।
श्रद्धांजलि और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
उनके निधन की खबर के बाद सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों की बाढ़ आ गई।
फैंस, को-स्टार्स और टीवी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने ट्वीट और पोस्ट के ज़रिए दुख जताया।
एक यूज़र ने लिखा –
“कर्ण का अंत हुआ, लेकिन उनकी शूरवीरता और करुणा हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगी।”
अभिनेता निकितिन धीर ने इंस्टाग्राम पर पिता की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा –
“आप मेरे हीरो थे, हैं और रहेंगे पापा।”
विरासत जो कभी नहीं मिटेगी
पंकज धीर सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि भारतीय टेलीविज़न का एक अध्याय थे।
उन्होंने साबित किया कि टीवी पर भी अभिनय सिनेमा जितना शक्तिशाली और प्रेरणादायक हो सकता है।
उनका “कर्ण” आज भी भारतीय संस्कृति में धैर्य, दान, और गरिमा का प्रतीक है।
वो पीढ़ियाँ जो ‘महाभारत’ के री-टेलीकास्ट के दौरान उन्हें देखती हैं, उनके लिए भी पंकज धीर “कर्ण” ही हैं।


