NALCO Q2 परिणाम: मुनाफा 37% बढ़कर ₹1,430 करोड़, ₹4 प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड घोषित

एल्यूमिनियम की बढ़ती कीमतों से नाल्को को मिला सहारा — डिविडेंड के साथ मजबूत तिमाही नतीजे जारी।

Dev
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NALCO Q2 FY26 परिणामों में ₹1,430 करोड़ का मुनाफा, 37% की बढ़त के साथ ₹4 प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड घोषित।NALCO Q2 FY26

नई दिल्ली, 7 नवंबर 2025 —
सार्वजनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) ने वित्त वर्ष 2025–26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के शानदार नतीजे पेश किए हैं। कंपनी का शुद्ध मुनाफा साल-दर-साल 37% की छलांग लगाते हुए ₹1,430 करोड़ पर पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹1,046 करोड़ था।

इन मजबूत नतीजों के साथ नाल्को ने अपने शेयरधारकों के लिए एक खुशखबरी भी दी — बोर्ड ने ₹4 प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड घोषित किया है।

मुनाफे में बढ़ोतरी की वजहें: एल्यूमिनियम कीमतों ने संभाला कारोबार

इस बार की तिमाही में नाल्को को सबसे बड़ा फायदा मिला वैश्विक बाजारों में एल्यूमिनियम की कीमतों में आई मजबूती से।
लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) पर तीन महीने के एल्यूमिनियम कॉन्ट्रैक्ट्स में 8.2% की वृद्धि, जबकि कॉपर में 5.6% की तेजी देखने को मिली।
इन बढ़ी हुई कीमतों ने कंपनी की सेलिंग प्राइस और मार्जिन दोनों को सपोर्ट किया।

कंपनी ने कहा कि माइनिंग और मेटल इंडस्ट्री के लिए यह तिमाही अनिश्चितताओं के बावजूद बेहतर रही, क्योंकि अमेरिकी व्यापार नीतियों में संभावित बदलावों और सप्लाई की कमी ने कमोडिटी की कीमतों को ऊंचा बनाए रखा।

राजस्व और सेगमेंट प्रदर्शन

रिपोर्टिंग तिमाही के दौरान कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू ₹4,293 करोड़ रहा, जो पिछले साल के ₹4,002 करोड़ की तुलना में 7.2% की बढ़त दर्शाता है।

कंपनी के कुल रेवेन्यू का सबसे बड़ा हिस्सा एल्यूमिनियम सेगमेंट से आता है, जो इस तिमाही में ₹2,880 करोड़ तक पहुंच गया — करीब 6% की ग्रोथ
वहीं केमिकल्स बिजनेस, जिसमें कॉस्टिक सोडा, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और सोडियम हाइपोक्लोराइट जैसे उत्पाद शामिल हैं, में भी 7.7% की वृद्धि दर्ज की गई और राजस्व ₹1,834 करोड़ रहा।

खर्चों में कमी से बढ़ा मुनाफा

नाल्को ने इस तिमाही में ऑपरेटिंग खर्चों में भी सुधार दिखाया
कंपनी का कुल खर्च ₹2,548 करोड़ रहा, जो पिछले तिमाही के ₹2,636 करोड़ की तुलना में लगभग 3.33% कम है।
यह कमी मुख्य रूप से कम ईंधन लागत और कर्मचारी लाभ खर्चों में गिरावट के कारण आई है।
कम खर्चों और बेहतर रियलाइजेशन का सीधा असर कंपनी के नेट प्रॉफिट मार्जिन पर देखने को मिला।

₹30,000 करोड़ का निवेश प्लान – नाल्को का विस्तार मिशन

नाल्को ने आने वाले पांच वर्षों में ₹30,000 करोड़ के निवेश की योजना भी बनाई है, जिसमें नया एल्युमिनियम स्मेल्टर प्लांट और कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
कंपनी के अनुसार, इस निवेश में से ₹18,000 करोड़ स्मेल्टर यूनिट के लिए और ₹12,000 करोड़ थर्मल पावर प्लांट पर खर्च किए जाएंगे।
यह विस्तार कंपनी को उत्पादन क्षमता बढ़ाने और भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा।

सरकार की हिस्सेदारी और नाल्को की स्थिति

NALCO एक ‘नवरत्न’ सार्वजनिक उपक्रम (PSU) है और देश की सबसे बड़ी Bauxite-Alumina-Aluminium-Power Complex कंपनियों में से एक है।
वर्तमान में भारत सरकार की कंपनी में 51.28% हिस्सेदारी है।
कंपनी के मजबूत बैलेंस शीट, एक्सपोर्ट ऑर्डर्स और स्थिर उत्पादन ने इसे भारतीय धातु उद्योग में अग्रणी बनाए रखा है।

₹4 प्रति शेयर डिविडेंड का ऐलान

कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने दूसरी तिमाही के नतीजों के साथ ही पहला अंतरिम डिविडेंड ₹4 प्रति शेयर (80% फेस वैल्यू ₹5 पर) घोषित किया।
कुल ₹918.32 करोड़ की इक्विटी कैपिटल पर यह भुगतान किया जाएगा।

कंपनी ने 14 नवंबर 2025 को रिकॉर्ड डेट तय किया है, और डिविडेंड का भुगतान 6 दिसंबर 2025 से पहले कर दिया जाएगा।
कंपनी के अनुसार, जिन शेयरधारकों के नाम रिकॉर्ड डेट को रजिस्टर ऑफ मेंबर्स में होंगे, उन्हें यह लाभांश प्राप्त होगा।

बाजार में नाल्को के शेयरों पर असर

नतीजों की घोषणा के बाद शुक्रवार को नाल्को के शेयरों में हल्की तेजी देखी गई।
निवेशकों को उम्मीद है कि मजबूत तिमाही और डिविडेंड की घोषणा से आने वाले सत्रों में स्टॉक में और गति देखी जा सकती है।
ब्रोकरेज हाउसों ने भी कंपनी के आउटलुक पर सकारात्मक रुख बनाए रखा है, खासकर बढ़ती एल्युमिनियम कीमतों और उत्पादन सुधार को देखते हुए।

एक्सपर्ट व्यू – आगे क्या?

विशेषज्ञों का मानना है कि FY26 की दूसरी छमाही नाल्को के लिए और बेहतर साबित हो सकती है।
ICICI Securities और Motilal Oswal जैसी फर्मों का अनुमान है कि एल्यूमिनियम की ग्लोबल डिमांड बढ़ने और लागत नियंत्रण के चलते कंपनी का EBITDA और मुनाफा दोनों बढ़ेंगे।
हालांकि, ईंधन लागत और अंतरराष्ट्रीय कीमतों की अस्थिरता पर कंपनी को नजर बनाए रखनी होगी।

निवेशकों के लिए सलाह

विश्लेषक कहते हैं कि नाल्को जैसी PSU कंपनियों में निवेशक लॉन्ग टर्म ग्रोथ की दृष्टि से आकर्षक अवसर देख सकते हैं।
मजबूत डिविडेंड पॉलिसी, सरकारी सपोर्ट और स्थिर बैलेंस शीट इसे कम रिस्क, स्थिर रिटर्न वाला स्टॉक बनाती है।
हालांकि, निवेश से पहले विशेषज्ञों से परामर्श लेना उचित रहेगा।

निष्कर्ष

नाल्को के Q2 FY26 नतीजे कंपनी की स्थिरता, कुशल संचालन और बेहतर कमोडिटी माहौल का प्रतिबिंब हैं।
मुनाफे में 37% की बढ़त, खर्चों में नियंत्रण और ₹4 प्रति शेयर का डिविडेंड यह दर्शाता है कि कंपनी अपने निवेशकों को निरंतर मूल्य दे रही है।
यदि एल्युमिनियम की कीमतें इसी तरह ऊंची बनी रहती हैं, तो नाल्को आने वाले तिमाहियों में भी भारतीय धातु उद्योग में अपना प्रभुत्व बनाए रखेगी।

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