भारत की फ़िल्म इंडस्ट्री में जब भी संवेदनशील और मानवीय कहानियों की बात होती है, तब कुछ फ़िल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि हमारी आंखें खोलने के लिए भी बनाई जाती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘Panha’, जिसे अभिनेत्री और पर्यावरण कार्यकर्ता Dia Mirza की प्रोडक्शन कंपनी One India Stories ने बनाया है। हाल ही में इस फ़िल्म ने All Living Things Environmental Film Festival (ALT EFF) में Best Indian Short Film Award जीतकर न सिर्फ टीम को गौरवान्वित किया, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक संघर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा दिया।
- ‘Panha’ – विकास की कीमत पर घर खोते किसानों की सच्ची कहानी
- क्यों ‘Panha’ दर्शकों के दिल को छू जाती है?
- Dia Mirza की भावनात्मक प्रतिक्रिया
- One India Stories – उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, परिवर्तन
- Sakshi Mishra — निर्देशक जिनकी नज़र संवेदनशील है
- ग्रामीण किसानों की वास्तविक भागीदारी
- कलाकारों का शानदार प्रदर्शन
‘Panha’ – विकास की कीमत पर घर खोते किसानों की सच्ची कहानी
फिल्म ‘Panha’ एक बेहद सरल पर गहरी कहानी है। महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में रहने वाले आम, यानी मैंगो किसानों की दुनिया को यह फिल्म बेहद आत्मीयता और सहजता से दिखाती है। उनके घर, उनके खेत, उनकी परंपरा और उनके वर्षों पुराने पेड़ों के साथ उनका जुड़ाव—सब कुछ इस फिल्म के हर फ्रेम में सांस लेता दिखता है।
लेकिन इसी दुनिया में अचानक प्रवेश करती है — बुलेट ट्रेन परियोजना, जो ग्रामीणों के जीवन में तेज़ी से बदलाव की आंधी ला देती है। कहानी किसी बड़े नायक की नहीं है। इसका नायक है सात साल का एक बच्चा — विथु। उसके मासूम दृष्टिकोण से हम देखते हैं कि कैसे विकास की रफ़्तार कभी-कभी मासूमियत और अस्तित्व दोनों को कुचल सकती है।
निर्देशक Sakshi Mishra ने इस छोटे बच्चे के माध्यम से एक बड़ी बात कही है—विकास ज़रूरी है, पर क्या वह सभी को साथ लेकर चल रहा है?
क्यों ‘Panha’ दर्शकों के दिल को छू जाती है?
‘Panha’ की कहानी में कोई शोर नहीं है, कोई बहस नहीं, कोई आरोप नहीं। यह फिल्म बस दिखाती है—क्या हो रहा है। दर्शक खुद तय करते हैं कि क्या सही है और क्या गलत।
फिल्म के संवाद बेहद कम हैं, पर भावनाएं पूरी तरह खुलकर सामने आती हैं।
हर सीन ग्रामीण भारत की सच्चाई, संघर्ष, प्यार और मजबूरी को बिना नाटकीयता के अभिव्यक्त करता है।
यह माना जाता है कि सबसे गहरी कहानियाँ वे होती हैं जो सबसे धीरे कही जाएँ।
‘Panha’ यही करती है — धीरे-धीरे, सादगी से, और बेहद ईमानदारी के साथ।
Dia Mirza की भावनात्मक प्रतिक्रिया
ALT EFF में जीत के बाद Dia Mirza ने कहा:
“Panha प्यार, विश्वास और मानवीय संवेदनाओं से बनी फिल्म है। यह जीत उन किसानों की है जिन्होंने हमें अपने जीवन की झलक दिखाने दी।”
उनका यह संदेश बताता है कि यह फिल्म सिर्फ कलात्मक यात्रा नहीं थी, बल्कि उन लोगों के लिए सम्मान है, जिनकी कहानियाँ अक्सर विकास की बहसों में खो जाती हैं।
One India Stories – उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, परिवर्तन
Dia Mirza और Ananya Rane द्वारा स्थापित One India Stories का मकसद था — ऐसी कहानियाँ बनाना जो समाज को थोड़ा और संवेदनशील बनाएँ।
Ananya Rane ने कहा:
“हमने यह प्रोडक्शन हाउस इसलिए बनाया ताकि ईमानदार और करुणामय कहानियाँ कह सकें। ‘Panha’ हमारी इस यात्रा का पहला कदम है।”
इस प्रोडक्शन हाउस का फोकस ज्यादा बजट या ग्लैमर नहीं बल्कि भावनात्मक सच्चाई और सामाजिक ज़िम्मेदारी पर रहेगा।
Sakshi Mishra — निर्देशक जिनकी नज़र संवेदनशील है
निर्देशक Sakshi Mishra ने फिल्म के बारे में कहा:
“Panha तमाशा नहीं, एक ठहराव है। यह उन लोगों की कहानी है जिन्हें अक्सर विकास की भाषा में भूल दिया जाता है।”
उनकी सिनेमैटोग्राफी और निर्देशन ने ग्रामीण किसानों की दुनिया को इतनी सहजता से दिखाया है कि दर्शक भी उस दुनिया को महसूस करने लगते हैं।
ग्रामीण किसानों की वास्तविक भागीदारी
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत यह है कि इसमें कई वास्तविक किसानों ने अभिनय किया है।
यह सिर्फ फिल्म का हिस्सा नहीं थे बल्कि उन्होंने अपने अनुभव, भावनाएँ और संघर्ष भी इसमें शामिल किए।
यही वजह है कि फिल्म में दिखाए गए दृश्य इतने वास्तविक और दिल छूने वाले लगते हैं।
पुरस्कारों की लंबी सूची
ALT EFF 2025 का अवॉर्ड जीतने के बाद ‘Panha’ कई और प्रतिष्ठित उत्सवों में भी सराही गई:
9th World Indian Film Festival, Hyderabad – Best Film Award
13th Mumbai Shorts International Film Festival – Honourable Jury Mention
IDSFFK Kerala 2025 – Official Selection
एक छोटी सी फिल्म का इतना बड़ा सफर इस बात का सबूत है कि सच्ची कहानियाँ जहां भी जाती हैं, दिलों को छू जाती हैं।
कलाकारों का शानदार प्रदर्शन
फिल्म में कई बेहतरीन कलाकारों ने काम किया है:
उज्ज्वला जोग
सुहास सिरसट
पृथ्विक प्रताप
सयाली संजीव
शुभांगी भुजबल
पायल जाधव
आरव एअर
इन सभी कलाकारों ने गांव के जीवन को बेहद वास्तविकता से जीकर दिखाया है।
‘Panha’ क्यों महत्वपूर्ण है?
आज के दौर में जब विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर की दौड़ तेज़ है, ऐसे में यह याद रखना ज़रूरी है कि विकास की राह में कहीं लोगों के सपने, घर और परंपराएं ना खो जाएँ।
‘Panha’ यही सवाल उठाती है:
विकास किसके लिए और कितनी कीमत पर?
और सबसे बड़ा सवाल—
क्या हम उन लोगों को देख पा रहे हैं जो इस विकास की चपेट में आ जाते हैं?


