त्योहारी सीज़न से ठीक पहले GST काउंसिल ने रोज़मर्रा की ज़रूरी चीज़ों और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स पर टैक्स दरें घटाने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम FMCG सेक्टर के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, बिस्किट, और ड्राई फ्रूट्स जैसी चीज़ों पर GST 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। सीमेंट पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है। इससे कीमतें 8-10% तक कम होने की उम्मीद है, जिससे ग्राहकों की जेब पर कम बोझ पड़ेगा और डिमांड बढ़ेगी। X पर #GSTCut और #FMCGDemand ट्रेंड कर रहे हैं, और लोग इसे दीवाली से पहले सरकार का “मास्टरस्ट्रोक” बता रहे हैं। आइए, इस फैसले का FMCG सेक्टर, ग्राहकों, और अर्थव्यवस्था पर असर समझते हैं।
GST कट: क्या बदला?
4 सितंबर 2025 को 56वीं GST काउंसिल मीटिंग में फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि GST स्लैब्स को चार से घटाकर दो (5% और 18%) कर दिया गया है। पहले 12% और 28% स्लैब में आने वाले कई प्रोडक्ट्स अब 5% या 18% में शिफ्ट हो गए हैं। खास तौर पर:
पर्सनल केयर: साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, हेयर ऑयल, और डिटर्जेंट अब 5% GST स्लैब में।
फूड प्रोडक्ट्स: बटर, घी, चीज़, ड्राई फ्रूट्स, बिस्किट, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स, कॉफी, और चॉकलेट्स पर 5% GST।
डेयरी: UHT मिल्क और पनीर पर GST पूरी तरह हटा; घी, बटर, और चीज़ पर 12% से 5%।
सीमेंट: 28% से 18% GST।
सिन गुड्स: तंबाकू, पान मसाला, और लग्ज़री कारों पर 40% GST बरकरार।
यह बदलाव 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे, जो नवरात्रि के साथ शुरू हो रहे त्योहारी सीज़न के लिए परफेक्ट टाइमिंग है।
GST कट से FMCG प्रोडक्ट्स 10% सस्ते, त्योहारी सीज़न में डिमांड बढ़ेगी।
FMCG लीडर्स की खुशी
FMCG सेक्टर के दिग्गजों ने इस फैसले को “गेम-चेंजिंग” और “ट्रांसफॉर्मेटिव” बताया है। Marico के MD और CEO Saugata Gupta ने कहा, “यह कदम त्योहारी सीज़न से पहले ज़रूरी प्रोडक्ट्स को सस्ता करेगा, जिससे कंज़्यूमर डिमांड बढ़ेगी और FMCG सेक्टर में लंबी अवधि की ग्रोथ होगी।”

Dabur के CEO Mohit Malhotra ने इसे “टाइमली और ट्रांसफॉर्मेटिव” करार देते हुए कहा कि सस्ते साबुन, शैंपू, और टूथपेस्ट ग्रामीण और सेमी-अर्बन मार्केट्स में डिमांड को बूस्ट करेंगे। Godrej Consumer Products के CFO Aasif Malbari ने कहा कि कंपनी ग्राहकों को फायदा देने के लिए प्रतिबद्ध है। Joy Personal Care के चेयरमैन Sunil Agarwal ने बताया कि ग्रामीण भारत, जो पिछले छह क्वार्टर्स से FMCG ग्रोथ का ड्राइवर रहा है, अब और मज़बूत होगा।
All India Consumer Products Distributors’ Federation (AICPDF) ने अनुमान लगाया कि इस कट से डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स की लिक्विडिटी में ₹4,000-5,000 करोड़ की बढ़ोतरी होगी, और अगले दो क्वार्टर्स में ग्रामीण खपत 8-10% बढ़ेगी।
कीमतें कैसे कम होंगी?
FMCG कंपनियाँ इस टैक्स कट का फायदा ग्राहकों तक पहुँचाने की तैयारी में हैं। PTI के मुताबिक, कंपनियाँ दो तरीकों से ऐसा करेंगी:
ग्रामेज बढ़ाना: छोटे पैक्स (जैसे ₹5-10 वाले) में ज़्यादा प्रोडक्ट देना।
कीमत घटाना: बड़े पैक्स की कीमतें 8-10% तक कम करना।
Grant Thornton Bharat के Naveen Malpani का कहना है कि सप्लाई चेन की दक्षता के आधार पर कीमतें 8-10% तक कम हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, ₹100 का शैंपू अब ₹90-92 में मिल सकता है। Bikaji Foods के CFO Rishabh Jain ने कहा कि ₹5-10 के पैक्स में कीमतें कम करना मुश्किल है, इसलिए छोटे पैक्स में ग्रामेज बढ़ाया जाएगा।
मार्केट में उछाल
GST काउंसिल के फैसले के बाद 4 सितंबर 2025 को BSE पर FMCG शेयरों में ज़बरदस्त उछाल देखा गया। Britannia Industries के शेयर 5.66% चढ़े, Dabur India 4.16%, Hindustan Unilever (HUL) 1.52%, Nestlé India 2.24%, और Emami 3.68% ऊपर बंद हुए। Nifty FMCG इंडेक्स 1.66% बढ़कर 57,916.95 पर पहुँचा, जबकि Nifty 50 में सिर्फ़ 0.73% की बढ़त थी। सीमेंट और कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स स्टॉक्स भी चमके।
त्योहारी सीज़न का बूस्ट
यह GST कट दीवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों से पहले आया है, जो FMCG सेक्टर के लिए सबसे बड़ा सेल्स पीरियड होता है। Amul के MD Jayen Mehta ने कहा, “डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चीज़, बटर, और आइसक्रीम की कीमतें कम होने से पेनेट्रेशन बढ़ेगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में।” रिटेलर्स भी मौजूदा स्टॉक पर नई कीमतें लागू करने की तैयारी में हैं, जिससे त्योहारी सेल्स में उछाल की उम्मीद है।
FMCG सेक्टर पर असर
FMCG सेक्टर, जो वर्तमान में 10-12% सालाना की दर से बढ़ रहा है, को इस कट से 2-3% अतिरिक्त ग्रोथ मिलने की उम्मीद है। Bank of Baroda का अनुमान है कि यह कट ₹0.7-1 लाख करोड़ की अतिरिक्त खपत पैदा करेगा, जो GDP ग्रोथ में 0.2-0.3% जोड़ेगा।
Anand Rathi के एनालिस्ट्स ने बताया कि ग्रामीण और सेमी-अर्बन मार्केट्स में डिमांड सबसे ज़्यादा बढ़ेगी, क्योंकि ये प्राइस-सेंसिटिव हैं। साथ ही, इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के स्पष्ट नियम और तेज़ रिफंड्स से कंपनियों की वर्किंग कैपिटल प्रेशर कम होगा।
ग्राहकों के लिए क्या मतलब?
आम आदमी के लिए यह कट सीधा फायदा है। सस्ते प्रोडक्ट्स से घरेलू बजट में बचत होगी, और डिस्पोज़ेबल इनकम बढ़ने से लोग त्योहारों पर ज़्यादा खर्च कर सकेंगे। X पर एक यूज़र ने लिखा, “GST कट से साबुन-बिस्किट सस्ते होंगे। दीवाली शॉपिंग में मज़ा आएगा!”
चुनौतियाँ और सावधानियाँ
हालाँकि, कुछ एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि रॉ मैटेरियल की कीमतों में बढ़ोतरी और क्षेत्रीय ब्रांड्स से कॉम्पिटिशन इस फायदे को कम कर सकता है। साथ ही, कंपनियों को एंटी-प्रॉफिटियरिंग नियमों का पालन करना होगा, ताकि टैक्स कट का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुँचे।
निष्कर्ष
GST कट FMCG सेक्टर और ग्राहकों के लिए दीवाली से पहले बड़ा तोहफा है। सस्ते प्रोडक्ट्स, बढ़ती डिमांड, और मज़बूत ग्रोथ की उम्मीद ने मार्केट में उत्साह भर दिया है। X पर #GSTCut जॉइन करें और अपनी राय शेयर करें।


