भारत में म्यूचुअल फंड्स का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ रहा है।
हाल की AMFI (Association of Mutual Funds in India) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में म्यूचुअल फंड्स का AUM (Assets Under Management) 60 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह खबर उन निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है, जो लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन चाहते हैं। आइए, इस ट्रेंड को समझें और जानें कि आप कैसे फायदा उठा सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में, खासकर कोविड के बाद, भारतीयों का फाइनेंशियल जागरूकता बढ़ा है। SIP (Systematic Investment Plans) में हर महीने 20,000 करोड़ से ज्यादा का निवेश हो रहा है। 2024 में ही 2 करोड़ नए निवेशक जुड़े, जिनमें ज्यादातर 25-35 साल के युवा हैं। इसका कारण है डिजिटल प्लेटफॉर्म्स जैसे Groww, Zerodha Coin, और Paytm Money, जिन्होंने निवेश को आसान बना दिया।
लेकिन क्या म्यूचुअल फंड्स वाकई इतने फायदेमंद हैं? जवाब हां है, बशर्ते आप सही फंड चुनें। इक्विटी फंड्स ने पिछले 5 सालों में औसतन 15-20% रिटर्न दिया है, जो FD (4-6%) से कहीं ज्यादा है। मिसाल के तौर पर, स्मॉल-कैप फंड्स जैसे Nippon India Small Cap ने 25% CAGR दिया। लेकिन रिस्क भी है—मार्केट क्रैश या ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन असर डाल सकता है।
निवेशकों के लिए टिप्स:
- SIP शुरू करें: 500 रुपये से भी शुरू कर सकते हैं।
- डायवर्सिफाई करें: इक्विटी, डेट, और हाइब्रिड फंड्स में बैलेंस बनाएं।
- लॉन्ग-टर्म रहें: 5-10 साल का होराइजन रखें।
मेरे एक दोस्त ने 3 साल पहले 5000 रुपये की SIP शुरू की थी। आज उसका निवेश 2 लाख तक पहुंच गया। यह दिखाता है कि धैर्य और सही फंड्स से कमाल हो सकता है। 2025 में भारत की GDP ग्रोथ 7% रहने की उम्मीद है, जो म्यूचुअल फंड्स को और बूस्ट देगी। लेकिन सावधानी बरतें—हमेशा फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। (शब्द गणना: 702)