भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह की शुरुआत दमदार रही। सोमवार के सत्र में बाजारों ने लगातार छठे दिन मजबूत बढ़त रिकॉर्ड की, जिसकी वजह रही रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से जारी नए राहत उपाय, जो हाल ही में सामने आए टैरिफ-डिसरप्शन से प्रभावित एक्सपोर्टर्स को सहारा देने के उद्देश्य से पेश किए गए हैं। इस राहत पैकेज ने निवेशकों की भावना को मजबूत किया और खासकर फाइनेंशियल और बैंकिंग स्टॉक्स पर इसका जोरदार असर देखने को मिला।
दिनभर सकारात्मक ग्लोबल संकेतों और घरेलू मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदों ने बाजार में उत्साह बनाए रखा। कारोबारी सत्र के अंत में BSE Sensex 388 अंक या 0.46% चढ़कर 84,950.95 पर बंद हुआ। वहीं, NSE Nifty 103.40 अंक या 0.40% चढ़कर 26,013.45 पर बंद हुआ और एक बार फिर 26,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर हासिल कर लिया।
RBI के राहत उपायों ने दिया बाजार को बड़ा सहारा
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उत्पन्न बाधाओं के कारण भारतीय निर्यातकों पर दबाव बढ़ गया था। एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों में सेंटिमेंट कमजोर हो रहा था लेकिन RBI द्वारा घोषित क्रेडिट गारंटी सपोर्ट, ब्याज दरों में राहत और डॉक्यूमेंटेशन में आसानी जैसे उपायों ने व्यापार समुदाय में नई उम्मीद जगाई है।
इन घोषणाओं का सबसे पहले और बड़ा असर फाइनेंशियल सेक्टर पर देखा गया क्योंकि बैंकों और NBFCs की क्रेडिट ग्रोथ पर इसका सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना है। यही वजह रही कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, और इंश्योरेंस कंपनियों में भारी खरीदारी देखने को मिली।
फाइनेंशियल स्टॉक्स बने रैली के लीडर
आज के सत्र में सबसे ज्यादा चमकने वाला क्षेत्र रहा — फाइनेंशियल और बैंकिंग सेक्टर। प्रमुख निजी और सरकारी बैंकों में दमदार तेजी देखने को मिली। निवेशकों का मानना है कि RBI का रिलीफ पैकेज क्रेडिट डिमांड बढ़ाएगा और इससे बैंकों की ग्रोथ पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
ज़्यादातर बड़े बैंकों के शेयर 1–2% तक ऊपर बंद हुए। वित्तीय सेवा कंपनियों में भी सुधार देखने को मिला, जबकि कुछ मिड-कैप बैंकिंग स्टॉक्स ने 3–4% तक की बढ़त भी दर्ज की।
इसके अलावा, Q2 के लिए मजबूत नतीजों की उम्मीद ने भी फाइनेंशियल सेक्टर के मूड को और बेहतर किया है।
सेंसेक्स और निफ्टी: इंडेक्स लेवल्स में मजबूती
सेंसेक्स दिनभर हरे निशान में बना रहा और आखिरकार 84,950 के ऊपर बंद हुआ। यह इस बात का संकेत है कि बाजार में खरीदारी का रुझान अभी भी मजबूत है।
निफ्टी 26,000 का स्तर एक बार फिर हासिल कर चुका है, जो एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक लेवल माना जाता है। यह दर्शाता है कि बाजार फिलहाल सकारात्मक दिशा में बना हुआ है और निवेशकों में डर के बजाय विश्वास मजबूत हो रहा है।
कौन से सेक्टर चमके, कौन रहे फीके?
तेजी वाले सेक्टर:
बैंकिंग
फाइनेंशियल सर्विसेज
ऑटो
रियल एस्टेट
FMCG
बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में सबसे ज्यादा जोश देखने को मिला। बड़े कैप स्टॉक्स में भी खरीदारी हावी रही।
दबाव वाले सेक्टर:
IT सेक्टर — global cues कमजोर
फार्मा — प्रॉफिट बुकिंग
मेटल — ग्लोबल कीमतों में गिरावट
हालांकि गिरावट बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन अन्य सेक्टरों की तेजी के मुकाबले ये पीछे रह गए।
ग्लोबल मार्केट्स का मिला सहारा
वैश्विक बाजारों से भी भारतीय बाजार को मजबूती मिली।
अमेरिकी बाजार दिन पहले हरे निशान में बंद हुए थे।
एशियाई मार्केट्स का रुख भी मिली-जुला लेकिन सकारात्मक रहा।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी भारतीय बाजार को राहत पहुंचाई।
इन सभी कारकों ने इंडेक्स को सपोर्ट दिया।
निवेशकों का मूड क्यों है पॉजिटिव?
RBI राहत पैकेज का प्रभाव
क्रेडिट ग्रोथ की उम्मीदें
Q2 की अच्छे रिजल्ट की आशाएं
FIIs की धीमी लेकिन सकारात्मक खरीदारी
घरेलू निवेशकों की लगातार आ रही inflows
इन कारणों से मार्केट में डर का माहौल कम हुआ है और निवेशकों का COF (Confidence on Future Earnings) बढ़ा है।
विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? (Market Outlook)
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि निकट भविष्य में निफ्टी 25,800 से मजबूत सपोर्ट ज़ोन दिखा रहा है, जबकि ऊपर की ओर 26,200–26,300 रेजिस्टेंस लेवल हो सकता है।
फाइनेंशियल और बैंकिंग स्टॉक्स में अभी भी तेजी जारी रह सकती है।
ऑटो और FMCG सेक्टर भी त्योहारों के मौसम में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि निवेशक ग्लोबल संकेतों, इकोनॉमिक डेटा और क्रूड ऑयल प्राइसेज़ पर नजर बनाए रखें।


