भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को मजबूती के साथ ट्रेडिंग सेशन का अंत किया, जहां Sensex और Nifty दोनों ने लगातार दूसरे दिन बढ़त दर्ज की। अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट रेट कट के बाद वैश्विक बाजारों में जो सकारात्मकता लौटी थी, उसी रफ्तार को घरेलू बाजारों ने भी आगे बढ़ाया।
- Nifty 26,000 के ऊपर—Sensex 450 अंक मजबूत
- Top Gainers: Metals और Realty सेक्टर में जबरदस्त चमक
- Midcap Stocks Outperform — निवेशकों की नई पसंद
- फेड का असर: ब्याज दर कटौती से लौटी ग्लोबल सकारात्मकता
- रुपया कमजोर—FII बिकवाली बढ़ी, लेकिन मार्केट टूटा नहीं
- IT सेक्टर पर दबाव—Global Tech Firm Earnings से चिंता बढ़ी
- इस हफ्ते मार्केट क्यों गिरा था? | Profit Booking का असर
- Investor Outlook: आगे मार्केट किस तरफ जा सकता है?
हालांकि दोनों इंडेक्स आज मजबूत बंद हुए, लेकिन पूरे हफ्ते के आधार पर बाजार 0.5% की गिरावट के साथ समाप्त हुआ, क्योंकि सप्ताह की शुरुआत में रिकॉर्ड स्तरों पर प्रॉफिट बुकिंग का दबाव देखा गया था।
Nifty 26,000 के ऊपर—Sensex 450 अंक मजबूत
शुक्रवार को:
Nifty 50 0.57% चढ़कर 26,046.95 पर बंद हुआ
Sensex 0.53% की तेजी के साथ 85,267.66 पर बंद हुआ
ये दोनों इंडेक्स गुरुवार की लगभग 0.5% की तेजी को आगे बढ़ाते हुए हरे निशान में रहे।
यह बढ़त साफ तौर पर फेड की ब्याज दर में 25bps कटौती, बेहतर जोखिम भावना और वैश्विक इक्विटी बाजारों में मजबूती के कारण देखने को मिली।
Top Gainers: Metals और Realty सेक्टर में जबरदस्त चमक
आज की बढ़त की सबसे बड़ी कहानी मेटल और रियल्टी सेक्टर रहे। इन दोनों इंडेक्स में 2–3.5% तक की बढ़त देखी गई, जो समग्र बाजार की रिकवरी में सबसे महत्वपूर्ण योगदानकर्ताओं में रहे।
Sensex पर टॉप गेनर्स:
Tata Steel
Eternal
UltraTech Cement
Larsen & Toubro (L&T)
Maruti Suzuki
इन स्टॉक्स में 2% से लेकर 3.5% तक की तेजी दर्ज हुई।
मिडकैप शेयरों ने भी आज जोरदार प्रदर्शन किया और कई स्टॉक्स ने 52-वीक हाई को छुआ।
Midcap Stocks Outperform — निवेशकों की नई पसंद
शुक्रवार का ट्रेडिंग सेशन खासतौर पर मिडकैप स्पेस के लिए बेहद सकारात्मक रहा।
Midcap इंडेक्स ने लार्ज कैप से बेहतर प्रदर्शन किया
निवेशकों ने उन सेक्टर्स में तेजी से खरीदारी की, जो पिछले कुछ दिनों से दबाव में थे
FMCG, Cement, Infra और Auto सेक्टर्स के भी मिडकैप शेयरों ने अच्छा रुझान दिखाया
इसका एक कारण था—
बेंचमार्क इंडेक्स रिकॉर्ड स्तरों के पास होने के कारण निवेशक वैल्यू वाली midcap कंपनियों की ओर झुक रहे हैं।
फेड का असर: ब्याज दर कटौती से लौटी ग्लोबल सकारात्मकता
अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा 25bps की ब्याज दर कटौती की घोषणा ने मार्केट सेंटिमेंट को मजबूत किया।
यह निर्णय वैश्विक बाजारों में इसलिए महत्वपूर्ण माना गया:
डॉलर इंडेक्स में हल्की गिरावट
ग्लोबल इक्विटी में रैली
यील्ड में राहत
रिस्क-ऑन सेंटिमेंट की वापसी
भारत सहित एशियाई बाजारों ने फेड के फैसले को सकारात्मक संकेत के रूप में लिया और शुक्रवार को तेजी के साथ खुले।
रुपया कमजोर—FII बिकवाली बढ़ी, लेकिन मार्केट टूटा नहीं
जहाँ इंडेक्स मजबूत थे, वहीं भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर 90.40 के आसपास बंद हुआ।
रुपये पर दबाव के कारण:
लगातार FII (विदेशी निवेशकों) की बिकवाली
डॉलर की हल्की मजबूती
कच्चे तेल के दाम में उतार–चढ़ाव
इन सबने मुद्रा बाजार पर असर डाला।
हालांकि, बाजार की मजबूती इस बात को दर्शाती है कि घरेलू निवेशक (DII) मार्केट को समर्थन दे रहे हैं, और FII बिकवाली के बावजूद इंडेक्स हरे निशान में बने हुए हैं।
IT सेक्टर पर दबाव—Global Tech Firm Earnings से चिंता बढ़ी
पिछले कुछ दिनों से टेक सेक्टर दबाव में है, और शुक्रवार को भी यह कमजोरी बनी रही।
कारण:
अमेरिका और यूरोप में टेक कंपनियों की धीमी गाइडेंस
ग्लोबल मैक्रो अनिश्चितताएं
डिमांड में धीमी रिकवरी
Nifty IT Index ने हरे निशान के बावजूद बाकी सेक्टर्स जितनी मजबूती नहीं दिखाई।
इस हफ्ते मार्केट क्यों गिरा था? | Profit Booking का असर
हालांकि शुक्रवार को मार्केट चढ़ा, लेकिन हफ्ते के आधार पर Sensex और Nifty 0.5% टूटे।
इसके प्रमुख कारण:
रिकॉर्ड हाई पर आक्रामक प्रॉफिट बुकिंग
बड़े विदेशी निवेशकों का लगातार सेलिंग दबाव
रुपया कमजोर होने से इम्पोर्ट-हैवी सेक्टर्स में दबाव
ग्लोबल टेक स्टॉक्स पर कमजोरी
गुरुवार और शुक्रवार की तेजी ने हफ्ते की गिरावट को काफी हद तक कवर कर लिया।
Investor Outlook: आगे मार्केट किस तरफ जा सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले हफ्तों में मार्केट:
ग्लोबल डेटा
डॉलर इंडेक्स
अमेरिकी यील्ड
FII और DII के फ्लो
कच्चे तेल की कीमतें
इन सब पर प्रतिक्रिया देता रहेगा।
तेजी की संभावना इसलिए मजबूत है क्योंकि:
फेड से दर में आगे और कटौती की उम्मीद
घरेलू GDP और macro data मजबूत
festive season buying दोबारा pick-up कर रही है
घरेलू MF इनफ्लो स्थिर हैं
लेकिन:
रुपया कमजोर
टेक सेक्टर दबाव में
उच्च वैल्यूएशन
ये चीजें मार्केट को बीच-बीच में ब्रेक भी दे सकती हैं।
निष्कर्ष—फेड के फैसले से बढ़ी बाजार की चमक, लेकिन सावधानी अभी जरूरी
शुक्रवार की बंदी ने यह साफ कर दिया कि भारतीय बाजार में मजबूत रिकवरी मोड वापस आ चुका है।
Sensex और Nifty ने दो दिनों की तेजी से हफ्ते के नुकसान को काफी हद तक कम किया।
Metals, Realty और Midcaps ने बाजार की कमान संभाली, जबकि आईटी और रुपया कुछ दबाव में रहे।
आगे बाजार ग्लोबल संकेतों और फाइनेंशियल फ्लोज़ पर निर्भर रहेगा—लेकिन फिलहाल सेंटिमेंट सकारात्मक है।


