Paytm ने Q1 FY26 में किया मुनाफ़ा – घाटे के दौर के बाद पहली बार दिखा तेज़ सुधार!

लोन कारोबार की ताकत और खर्चों में सुधार से Paytm को मिली राहत।

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Q1 FY26 में Paytm ने ₹122.5 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, लोन बिजनेस और खर्चों पर नियंत्रण बना सहारा।Paytm

Paytm का मुनाफ़ा वापसी – क्या अब कंपनी दोबारा रफ्तार पकड़ चुकी है?
22 जुलाई 2025 को जब Paytm ने अपने Q1 FY26 के नतीजे घोषित किए, तो हर किसी की नजर उस एक आंकड़े पर थी – क्या इस बार भी घाटा हुआ या कुछ बदला है? और जवाब था – हां, बदलाव हुआ है और बड़ा हुआ है!

₹122.5 करोड़ का शुद्ध लाभ – Paytm की वापसी की दस्तक!

Paytm ने अप्रैल-जून तिमाही में ₹122.5 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया। यह पिछले साल की समान तिमाही (Q1 FY25) में ₹840 करोड़ के नुकसान के मुकाबले एक जबरदस्त सुधार है। उस समय कंपनी को RBI के निर्देश के चलते अपनी बैंकिंग यूनिट बंद करनी पड़ी थी, जिसने उसके पेमेंट बिजनेस को बुरी तरह प्रभावित किया था।

लेकिन इस बार की कहानी अलग है। अब Paytm सिर्फ़ ज़िंदा नहीं है, बल्कि रफ्तार में लौट रही है।

क्या बदला? – फोकस हुआ साफ़, खर्च हुए कम

Paytm की इस सफलता के पीछे दो बड़ी वजहें रही हैं:

कोर बिज़नेस पर फोकस
कंपनी ने उन सेक्टर्स में निवेश करना बंद किया जो उसकी मूल सेवाओं से जुड़े नहीं थे। अब ध्यान सिर्फ़ लोन बिजनेस, पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज पर है।

खर्चों में भारी कटौती
कंपनी के कुल खर्च 19% घटकर ₹2,016 करोड़ रह गए। इस कटौती ने ऑपरेटिंग मार्जिन सुधारने में अहम भूमिका निभाई।

कमाई में इज़ाफ़ा – लोन बिजनेस बना नायक

कुल रेवेन्यू: ₹1,918 करोड़ (28% की साल-दर-साल वृद्धि)

फाइनेंशियल सर्विसेज: 100% से ज़्यादा ग्रोथ, यानी दोगुनी कमाई

पेमेंट सर्विसेस: 18% की ग्रोथ

लोन बिजनेस, जो कंपनी का नया फोकस एरिया है, अब उसके कुल रेवेन्यू में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छोटे और मिड साइज लोन प्रोडक्ट्स की मांग में तेजी आई है।

EBITDA भी हुआ पॉजिटिव – कंपनी की बुनियाद हुई मजबूत

EBITDA (बिना ESOP खर्च के) इस तिमाही में ₹102 करोड़ रहा। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अब कंपनी का संचालन फायदे की दिशा में बढ़ रहा है। जहां पहले ऑपरेशंस पर भी नुकसान होता था, वहीं अब मुख्य ऑपरेशन्स भी लाभ दे रहे हैं।

RBI की सख्ती के बाद बदल गया कंपनी का रवैया

जनवरी 2024 में RBI ने Paytm को बैंकिंग सेवाएं बंद करने के निर्देश दिए थे, जिससे कंपनी को झटका लगा। पेमेंट बैंक यूनिट को बंद करना पड़ा और विश्वास को झटका पहुंचा।

लेकिन उस झटके ने कंपनी को रास्ता दिखाया। Paytm ने अब banking licensing के बजाय NBFC मॉडल पर भरोसा दिखाया है और उसी के ज़रिए लोन और फाइनेंशियल सर्विसेस को मजबूती दी जा रही है।

Paytm की टीम क्या कहती है?

हालांकि इस तिमाही रिपोर्ट के बाद कंपनी की तरफ से CEO विजय शेखर शर्मा की सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई, लेकिन पिछली तिमाहियों में उन्होंने बार-बार यह कहा है कि –

“Paytm का अगला लक्ष्य स्थायी मुनाफा और ग्राहक-केंद्रित टेक्नोलॉजी पर है।”

इस बात का असर अब साफ़ दिख रहा है।

क्या निवेशकों के लिए है अच्छा संकेत?

बिलकुल! यह रिपोर्ट दर्शाती है कि Paytm अब जोखिम से उबर चुकी है और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ग्रोथ की राह पर है। अगर कंपनी आने वाले क्वार्टर में इसी गति को बनाए रखती है, तो यह न सिर्फ़ ग्राहकों, बल्कि निवेशकों के लिए भी एक बड़ी वापसी साबित हो सकती है।

निष्कर्ष – वापसी की कहानी, अब मुनाफे की बारी
Paytm की Q1 FY26 रिपोर्ट न सिर्फ़ आंकड़ों की कहानी है, बल्कि यह उस जज़्बे की कहानी है जो एक बार गिरने के बाद दोबारा उठने की हिम्मत दिखाता है। खर्चों में समझदारी, कोर बिज़नेस पर ध्यान, और ग्राहक-केन्द्रित रणनीति ने मिलकर Paytm को नई दिशा दी है।

अब देखना यह होगा कि क्या आने वाली तिमाहियों में कंपनी इस गति को कायम रख पाती है या नहीं। लेकिन एक बात तो साफ़ है – Paytm is back in the game!

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