सेंसेक्स-निफ्टी में जबरदस्त तेजी: बाजार में लौटी चमक
भारत के शेयर बाजारों में सोमवार को शानदार तेजी देखने को मिली। निवेशकों की भारी खरीदारी और वैश्विक संकेतों के चलते सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांकों ने मजबूत बढ़त दर्ज की।
- सेंसेक्स-निफ्टी में जबरदस्त तेजी: बाजार में लौटी चमक
- यह हैं वे 5 प्रमुख कारण जिन्होंने आज की मार्केट रैली को दिया बल
- फेड रेट कट की उम्मीदों से बढ़ा निवेशकों का भरोसा
- अमेरिका-चीन ट्रेड डील से ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार
- रुपये की मजबूती ने बढ़ाया भरोसा
- फेस्टिव सीजन और मजबूत Q2 अर्निंग्स से मिली सपोर्ट
- तकनीकी संकेत दिखा रहे हैं और तेजी की गुंजाइश
- आज के विजेता सेक्टर
- गिरावट वाले सेक्टर
- विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
- निवेशकों के लिए सलाह
बीएसई सेंसेक्स 700 अंकों से अधिक चढ़कर 84,932 के इंट्राडे हाई तक पहुंचा, जबकि एनएसई निफ्टी 50 200 अंकों की तेजी के साथ 26,005 तक पहुंचा।
दिन के अंत में सेंसेक्स 567 अंक ऊपर चढ़कर 84,778 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 171 अंकों की बढ़त के साथ 25,966 पर बंद हुआ।
अब निफ्टी अपने ऑल-टाइम हाई से केवल 1% दूर है, जबकि सेंसेक्स सिर्फ 1.2% नीचे है — यानी बाजार एक नए रिकॉर्ड की दहलीज पर है।
यह हैं वे 5 प्रमुख कारण जिन्होंने आज की मार्केट रैली को दिया बल
फेड रेट कट की उम्मीदों से बढ़ा निवेशकों का भरोसा
अमेरिका में आई मृदु मुद्रास्फीति (soft inflation data) ने निवेशकों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं कि फेडरल रिजर्व (Fed) 2025 में रेट कट कर सकता है।
दरअसल, ब्याज दरों में कटौती से वैश्विक निवेशकों की रुचि इमर्जिंग मार्केट्स, खासकर भारत जैसे देशों में बढ़ जाती है।
इसका सीधा असर भारतीय बाजार पर दिखा — विदेशी निवेशकों की खरीद बढ़ी और बैंकों व आईटी सेक्टर के शेयरों में तेजी आई।
अमेरिका-चीन ट्रेड डील से ग्लोबल सेंटीमेंट में सुधार
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी राहत आई अमेरिका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ताओं से।
रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों देशों के अधिकारी एक ट्रेड फ्रेमवर्क पर सहमत होने के करीब हैं, जिसे इस हफ्ते दोनों देशों के शीर्ष नेता समीक्षा कर सकते हैं।
यह खबर आते ही ग्लोबल मार्केट्स में पॉजिटिव सेंटीमेंट देखने को मिला, जिसका असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।
मेटल्स, आईटी और निर्यात-आधारित सेक्टरों में निवेशकों ने जबरदस्त खरीदारी की।
रुपये की मजबूती ने बढ़ाया भरोसा
अक्टूबर महीने में भारतीय रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहा है।
रिजर्व बैंक (RBI) की समय पर की गई डॉलर सेलिंग इंटरवेंशन और विदेशी पूंजी के $2.7 बिलियन के इनफ्लो से रुपया मजबूत हुआ है।
इस मजबूती ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया और बाजार में एफआईआई की खरीदारी तेज हुई।
रुपये की स्थिरता से बैंकिंग, एनर्जी और ऑटो सेक्टर में भी मजबूती बनी रही।
फेस्टिव सीजन और मजबूत Q2 अर्निंग्स से मिली सपोर्ट
त्योहारी मौसम में बढ़ी उपभोक्ता मांग (consumer demand) और बैंकों की मजबूत दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे बाजार के लिए सबसे बड़ा समर्थन साबित हुए।
HDFC Bank, ICICI Bank और SBI जैसे प्रमुख बैंकों के शेयरों में 1% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में भी त्योहारी डिमांड से तेजी देखने को मिली।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी फेस्टिव बूस्ट और अर्निंग सीजन बाजार को ऊंचाई पर बनाए रख सकता है।
तकनीकी संकेत दिखा रहे हैं और तेजी की गुंजाइश
टेक्निकल एनालिसिस के हिसाब से, निफ्टी अभी भी अपने 25,800–25,900 सपोर्ट जोन के ऊपर मजबूती से बना हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि अगर यह स्तर कायम रहता है, तो निफ्टी निकट भविष्य में 26,186 के स्तर को छू सकता है।
एनर्जी, बैंकिंग और आईटी सेक्टर में तकनीकी संकेत अब भी बुलिश बने हुए हैं।
चार्ट पैटर्न्स यह दर्शा रहे हैं कि आने वाले हफ्ते में बाजार में और मजबूती आ सकती है।
आज के विजेता सेक्टर
बैंकिंग: HDFC Bank, ICICI Bank, और SBI में बढ़त
आईटी सेक्टर: Infosys और TCS में मजबूती
ऑटो: Maruti Suzuki और Tata Motors को बढ़त मिली
एनर्जी: ONGC और Reliance Industries के शेयरों में तेजी
गिरावट वाले सेक्टर
FMCG: कुछ मुनाफावसूली के चलते हल्की गिरावट
मेटल्स: शुरुआती बढ़त के बाद स्थिर रुझान
फार्मा: सीमित उतार-चढ़ाव
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि विदेशी निवेश और घरेलू आर्थिक संकेतकों की मजबूती ने बाजार को सपोर्ट दिया है।
टेक्निकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि जब तक निफ्टी 25,800 के ऊपर है, तब तक बुलिश ट्रेंड जारी रहेगा।
एंजेल वन के विश्लेषक ने कहा,
“यदि फेड की रेट कट उम्मीदें बरकरार रहती हैं और रुपया स्थिर बना रहता है, तो आने वाले हफ्तों में बाजार नए रिकॉर्ड बना सकता है।”
निवेशकों के लिए सलाह
शॉर्ट टर्म निवेशक निफ्टी के 26,200 के टारगेट तक बने रह सकते हैं।
लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बैंकिंग और आईटी सेक्टर अब भी आकर्षक दिख रहे हैं।
स्टॉप लॉस का पालन करें और ओवरबॉट स्टॉक्स से बचें।


