Tata Motors Demerger 1 अक्टूबर से होगा लागू: शेयरहोल्डर्स के लिए पूरी जानकारी

Tata Motors का बड़ा कदम – पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स यूनिट अलग-अलग लिस्ट होंगी।

Dev
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Tata Motors डिमर्जर: निवेशकों और शेयरहोल्डर्स के लिए ज़रूरी अपडेट।Tata Motors Demerger 2025

नई दिल्ली, 30 सितंबर 2025:

भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी Tata Motors का बहुप्रतीक्षित डिमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होने जा रहा है। इस डिमर्जर के बाद कंपनी का पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल्स बिज़नेस दो अलग-अलग सूचीबद्ध संस्थाओं (Listed Entities) में बदल जाएगा।

डिमर्जर का पूरा प्लान

अगस्त 2024 में Tata Motors के बोर्ड ने इस डिमर्जर को मंजूरी दी थी। इसके तहत –

  • कमर्शियल व्हीकल्स बिज़नेस और उससे जुड़े निवेश एक अलग इकाई में रखे जाएंगे।

  • पैसेंजर व्हीकल्स बिज़नेस (जिसमें EV, Jaguar Land Rover और अन्य निवेश शामिल हैं) दूसरी इकाई में होगा।

डिमर्जर के बाद:

  • पैसेंजर व्हीकल्स यूनिट का नाम होगा Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPVL)

  • कमर्शियल व्हीकल्स यूनिट का नाम रहेगा Tata Motors Ltd (TML) और इसे नवंबर 2025 में स्टॉक एक्सचेंज पर अलग से लिस्ट किया जाएगा।

शेयरहोल्डर्स को क्या मिलेगा?

कंपनी ने स्पष्ट किया है कि हर शेयरहोल्डर को Tata Motors के एक मौजूदा शेयर पर नए कमर्शियल व्हीकल्स यूनिट का एक शेयर मिलेगा। यानी निवेशकों के पास दोनों कंपनियों के शेयर होंगे।

  • रिकॉर्ड डेट: अक्टूबर 2025 के मध्य में तय होगी।

  • लिस्टिंग डेट: नवंबर 2025 में NSE और BSE पर होगी।

मार्केट रिएक्शन

डिमर्जर की खबरों के बीच मंगलवार को Tata Motors का शेयर NSE पर 1.5% बढ़कर ₹682.55 पर बंद हुआ। निवेशकों का मानना है कि डिमर्जर से दोनों बिज़नेस यूनिट्स का फोकस और ग्रोथ पोटेंशियल और मज़बूत होगा।

ब्रोकरेज की राय

ब्रोकरेज फर्म Jefferies ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि –

  • भारत में पैसेंजर व्हीकल्स की डिमांड को लेकर उनका दृष्टिकोण सकारात्मक है।

  • हालांकि, Jaguar Land Rover (JLR) के बिज़नेस में चुनौतियाँ हैं।

  • मार्जिन सुधार और Iveco अधिग्रहण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है।

इसी वजह से Jefferies ने Tata Motors पर अपना ‘Underperform’ रेटिंग बनाए रखा है और शेयर का टारगेट प्राइस ₹575 तय किया है।

डिमर्जर का असर

Tata Motors का यह कदम न सिर्फ बिज़नेस को अलग-अलग सेगमेंट में फोकस करने में मदद करेगा बल्कि EV बिज़नेस और JLR जैसी ग्लोबल यूनिट्स को और तेज़ी से बढ़ने का मौका देगा। वहीं, कमर्शियल व्हीकल्स यूनिट अपने ट्रक्स और बसों के कारोबार में स्वतंत्र रणनीति बना पाएगी।

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