Vikran Engineering IPO की चर्चा
भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, और Vikran Engineering Ltd. अपने ₹772 करोड़ के IPO के साथ इस ग्रोथ का हिस्सा बनने जा रहा है। यह IPO 26 अगस्त 2025 को खुलेगा और 29 अगस्त 2025 को बंद होगा। मेरे एक दोस्त, जो स्टॉक मार्केट में एक्टिव है, ने कहा, “Vikran का IPO इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश का शानदार मौका है, लेकिन सावधानी जरूरी है।” आइए, इस IPO की डिटेल्स, कंपनी की ताकत, और निवेश की संभावनाओं को समझते हैं।
Vikran Engineering IPO: मुख्य डिटेल्स
Vikran Engineering का IPO एक बुक-बिल्ट इश्यू है, जिसमें 7.43 करोड़ शेयरों का फ्रेश इश्यू (₹721 करोड़) और 0.53 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल (OFS, ₹51 करोड़) शामिल है। यहाँ मुख्य जानकारी है:
IPO तारीख: 26 अगस्त 2025 से 29 अगस्त 2025
प्राइस बैंड: ₹92 से ₹97 प्रति शेयर
लॉट साइज: 148 शेयर (रिटेल के लिए मिनिमम ₹14,356)
इश्यू साइज: ₹772 करोड़
लिस्टिंग: BSE और NSE पर, 3 सितंबर 2025 (संभावित)
एलॉटमेंट: 1 सितंबर 2025 (संभावित)
रिफंड/डिमैट क्रेडिट: 2 सितंबर 2025
रिजर्वेशन: QIB (50%), NII (15%), रिटेल (35%)
रिटेल निवेशक 13 लॉट (1,924 शेयर, ₹1,86,628) तक अप्लाई कर सकते हैं। S-HNI के लिए मिनिमम 14 लॉट (2,072 शेयर, ₹2,00,984) और B-HNI के लिए 70 लॉट (10,360 शेयर, ₹10,04,920) है।
कंपनी का परिचय: Vikran Engineering
2008 में स्थापित, Vikran Engineering Ltd. एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है, जो पावर ट्रांसमिशन, वाटर इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे, और सोलर एनर्जी सेक्टर में काम करती है। कंपनी के प्रोजेक्ट्स में अंडरग्राउंड वाटर डिस्ट्रीब्यूशन, सरफेस वाटर एक्सट्रैक्शन, ओवरहेड टैंक, और 400kV तक के EHV सबस्टेशन शामिल हैं।
30 जून 2025 तक, कंपनी ने 14 राज्यों में 45 प्रोजेक्ट्स (₹19,199.17 मिलियन) पूरे किए और 16 राज्यों में 44 प्रोजेक्ट्स (₹51,202.07 मिलियन) पर काम कर रही है, जिनमें ₹24,424.39 मिलियन का ऑर्डर बुक है। इसके क्लाइंट्स में NTPC, Power Grid, और बिहार/तेलंगाना की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियाँ शामिल हैं।
फाइनेंशियल परफॉर्मेंस: स्थिर ग्रोथ
Vikran Engineering ने FY25 में ठोस प्रदर्शन दिखाया है:
रेवेन्यू: ₹922.36 करोड़ (FY24 में ₹791.44 करोड़ से 17% ग्रोथ)
प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT): ₹77.82 करोड़ (FY24 में ₹74.83 करोड़ से 4% ग्रोथ)
EBITDA: ₹160.24 करोड़ (FY24 में ₹133.30 करोड़ से 20% ग्रोथ)
नेट वर्थ: ₹467.87 करोड़ (FY24 में ₹291.28 करोड़ से)
ROE: 16.63%
ROCE: 23.34%
P/E रेशियो: 32.15 (FY25 आधारित)
डेट-टू-इक्विटी रेशियो: 0.58
कंपनी का डेट मैनेजेबल है, और नेट वर्थ में बढ़ोतरी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी दिखाती है। हालांकि, बॉरोइंग्स FY23 के ₹154.92 करोड़ से बढ़कर FY25 में ₹272.94 करोड़ हो गए।
IPO का उद्देश्य
IPO से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल निम्नलिखित के लिए होगा:
वर्किंग कैपिटल: ₹541 करोड़
जनरल कॉरपोरेट उद्देश्य: बाकी रकम
OFS का हिस्सा प्रमोटर राकेश अशोक मारखेडकर को जाएगा, जो 0.53 करोड़ शेयर बेच रहे हैं। यह रणनीति कंपनी को ऑपरेशनल लिक्विडिटी बढ़ाने और ग्रोथ प्रोजेक्ट्स में मदद करेगी।
कंपनी की ताकत
डायवर्सिफाइड ऑर्डर बुक: पावर, वाटर, रेलवे, और सोलर सेक्टर में मजबूत उपस्थिति।
समय पर डिलीवरी: 45 प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे किए।
एसेट-लाइट मॉडल: कम कैपिटल इंटेंसिटी, ज्यादा स्केलेबिलिटी।
इन-हाउस इंजीनियरिंग: क्वालिटी कंट्रोल और टेक्निकल एक्सपर्टीज।
अनुभवी मैनेजमेंट: प्रमोटर्स राकेश, अविनाश, और नकुल मारखेडकर का मजबूत डोमेन नॉलेज।
रिस्क्स और चुनौतियाँ
हाई P/E रेशियो: 32.15 का P/E कुछ पीयर्स (जैसे Bajel Projects, 158.75) से कम है, लेकिन फिर भी आक्रामक है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP): 22 अगस्त 2025 तक GMP ₹12-22 (12.37%-22.68%), जो मॉडरेट डिमांड दिखाता है।
गवर्नमेंट डिपेंडेंसी: रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा गवर्नमेंट टेंडर्स पर निर्भर।
प्रोजेक्ट डिले रिस्क: ऑर्डर बुक ₹24,424.39 मिलियन है, लेकिन डिले या कैंसिलेशन रिस्की हो सकते हैं।
निवेशकों के लिए टिप्स
लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट: Vikran की डायवर्सिफाइड प्रोजेक्ट्स और गवर्नमेंट क्लाइंट्स लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए आकर्षक हैं।
GMP मॉनिटर करें: लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम चेक करें। अभी GMP ₹12-22 है।
सब्सक्रिप्शन ट्रेंड्स: QIB और NII की भागीदारी लिस्टिंग पर असर डालेगी।
रिस्क मैनेजमेंट: छोटे निवेशक मिनिमम लॉट (₹14,356) से शुरू करें और डायवर्सिफाई करें।