Fed likely to cut interest rate by 25 bps: भारतीय बाजार के लिए क्या मतलब?
अमेरिकी केंद्रीय बैंक US Federal Reserve अपनी दो-दिवसीय मीटिंग के बाद बुधवार को 2025 की आख़िरी पॉलिसी घोषणा करेगा। बाज़ार और आर्थिक विशेषज्ञों के बीच यह लगभग तय माना जा रहा है कि Fed इस बार 25 बेसिस पॉइंट (bps) की दर कटौती कर सकता है।
यह फैसला इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका में इस समय तीन बड़ी चुनौतियाँ साथ-साथ खड़ी हैं—
- Fed likely to cut interest rate by 25 bps: भारतीय बाजार के लिए क्या मतलब?
- क्यों माना जा रहा है 25 bps रेट कट लगभग तय?
- अगर Fed 25 bps रेट कट करता है—तो अमेरिकी बाजार पर क्या असर?
- 1. Sensex–Nifty में शॉर्ट-टर्म रैली की संभावना
- 2. FII inflows बढ़ेंगे
- 3. बैंकिंग सेक्टर को सीधा लाभ
- 4. IT सेक्टर पर मिश्रित प्रभाव
- 5. Rupee vs Dollar: रुपये में मजबूती की उम्मीद
- 6. Gold और Crypto पर भी असर
कमज़ोर होता लेबर मार्केट
टैरिफ-चालित महंगाई का दबाव
सरकार के शटडाउन की वजह से आर्थिक डेटा में देरी
इस घोषणा पर सबसे ज़्यादा निगाहें वैश्विक शेयर बाज़ार, डॉलर इंडेक्स, उभरती अर्थव्यवस्थाओं और खास तौर पर भारत पर होंगी।
क्यों माना जा रहा है 25 bps रेट कट लगभग तय?
फेड के पास इस बार ब्याज दर घटाने का मजबूत आधार है—
लेबर मार्केट में कमजोरी
अमेरिका में नई नौकरियों की रफ्तार धीमी हो रही है। जॉब ओपनिंग्स कम हो रही हैं और बेरोज़गारी दर धीरे-धीरे ऊपर बढ़ रही है।
टैरिफ से बढ़ती महंगाई
2025 में अमेरिकी सरकार द्वारा कई इंपोर्ट्स पर बढ़ाए गए टैरिफ की वजह से CPI पर दबाव दिख रहा है।
डेटा उपलब्ध नहीं—Government Shutdown
नवंबर और अक्टूबर का जॉब डेटा, CPI अपडेट और कई आर्थिक संकेतक सरकारी शटडाउन की वजह से देर से जारी होंगे:
Payroll Data (Oct/Nov) – 16 दिसंबर
CPI Data (November) – 18 दिसंबर
इन स्थितियों को देखते हुए फेड को आर्थिक विकास की गति बनाए रखने के लिए दरों में कटौती करनी पड़ सकती है।

अगर Fed 25 bps रेट कट करता है—तो अमेरिकी बाजार पर क्या असर?
डॉलर इंडेक्स कमजोर
रेेट कट के तुरंत बाद डॉलर इंडेक्स में हल्की कमजोरी देखी जा सकती है।
Nasdaq–S&P 500 में रैली
टेक सेक्टर को रेट कट हमेशा फायदा पहुंचाता है क्योंकि कंपनियों की क़ीमतें उधारी लागत से जुड़ी होती हैं।
US Bond Yield में गिरावट
10-साल की यील्ड नीचे आने पर emerging markets में पैसा और तेजी से बह सकता है।

भारतीय शेयर बाज़ार पर इसका क्या असर?
भारतीय बाज़ार ग्लोबल पॉलिसी मूव्स पर बहुत तेजी से प्रतिक्रिया देता है। 25 bps रेट कट का भारतीय मार्केट पर व्यापक असर हो सकता है:
1. Sensex–Nifty में शॉर्ट-टर्म रैली की संभावना
आमतौर पर जब फेड रेट कम करता है, तो इक्विटी बाज़ारों में सकारात्मक मूड बनता है।
क्यों?
डॉलर मजबूत → पैसे अमेरिका की ओर फ्लो
डॉलर कमजोर → Emerging markets जैसे भारत में FII प्रवाह बढ़ता है
इससे Nifty 50, Sensex, Bank Nifty में ग्रीन ओपनिंग देखने को मिल सकती है।
2. FII inflows बढ़ेंगे
रेट कट के बाद विदेशी निवेशकों को emerging markets में बेहतर रिटर्न दिखता है।
भारत के लिए बढ़त:
मजबूत GDP ग्रोथ
स्थिर मैक्रो फंडामेंटल
रेगुलेटरी स्थिरता
कैपेक्स साइकल मजबूत
FII का पैसा भारत में तेजी से लौट सकता है।
3. बैंकिंग सेक्टर को सीधा लाभ
भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए रेट कट हमेशा अच्छी खबर होती है।
कारण:
ग्लोबल बॉन्ड यील्ड घटने से उधारी की लागत कम
कॉर्परेट लोन डिमांड बढ़ेगी
NIM स्थिर रह सकता है
HDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank जैसे बड़े बैंक इसका फायदा उठा सकते हैं।
4. IT सेक्टर पर मिश्रित प्रभाव
IT कंपनियां US मार्केट पर निर्भर हैं, इसलिए रेट कट से वहाँ की कंपनियों की मांग बढ़ सकती है।
लेकिन डॉलर कमजोर होने से IT एक्सपोर्ट कंपनियों की मार्जिन कुछ कम हो सकती है।
Mixed Impact
US demand
Projects
Rupee appreciation → Margin ↓
5. Rupee vs Dollar: रुपये में मजबूती की उम्मीद
रेट कट के बाद डॉलर इंडेक्स कमजोर हो सकता है।
इससे INR को सपोर्ट मिलेगा और रुपया डॉलर के मुकाबले कुछ मजबूत हो सकता है।
6. Gold और Crypto पर भी असर
रेट कट = सोने की कीमतें ऊपर
Bitcoin और altcoins में भी तेजी देखी जा सकती है
भारत में Gold ETF, Digital Gold और crypto investors के लिए यह बड़ा मोमेंट हो सकता है।
भारतीय निवेशक क्या करें? (Expert View)
1. Short-term traders
Fed के बाद बाजार में वोलैटिलिटी बढ़ेगी।
Gap-up opening के बाद प्रॉफिट-Booking दिख सकती है।
2. Long-term SIP investors
यह समय शांत रहने और SIP जारी रखने का है।
ग्लोबल बदलावों का फायदा लंबे समय में मिलता है।
3. Sectors to Watch
Banking
Auto
Capital Goods
IT
Metals
Realty
4. Avoid High-Leverage Positions
Fed announcements में तेजी से swings आते हैं, इसलिए high leverage से बचें।
निष्कर्ष
2025 की आख़िरी Fed Meeting निवेशकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
यदि उम्मीद के मुताबिक 25 bps की दर कटौती होती है, तो:
भारतीय शेयर बाज़ार में सकारात्मक शुरुआत
FII प्रवाह में बढ़ोतरी
रुपये में मजबूती
बैंकिंग, IT और रियल्टी सेक्टर में रौनक
ग्लोबल निवेश माहौल स्थिर
कुल मिलाकर, यह फैसला भारतीय बाज़ार के लिए 2026 की शुरुआत को और मजबूत बना सकता है।
