दिवाली के बाद सोने के दामों में बड़ी गिरावट, खरीदारों के लिए मौका
दिवाली और धनतेरस पर जहां सोने की खरीदारी ने नए रिकॉर्ड बनाए, वहीं अब बाजार में गोल्ड रेट्स में तेज गिरावट देखने को मिल रही है।
बुधवार, 22 अक्टूबर 2025 को देशभर में सोने की कीमतों में चौथे लगातार दिन गिरावट दर्ज की गई, जिससे खुदरा खरीदारों को राहत मिली है।
त्योहारों की भीड़ और ऊंचे दामों के बाद अब बाजार का रुख शादी के सीज़न की ओर है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में शादियों के चलते मांग फिर से बढ़ सकती है, लेकिन फिलहाल गोल्ड और सिल्वर के रेट नीचे जा रहे हैं।
सोने के दामों में आई भारी गिरावट
Goodreturns और बाजार विश्लेषकों के अनुसार, गोल्ड की कीमतों में यह गिरावट अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हुए बुलियन सेल-ऑफ की वजह से आई है।
निवेशकों ने सोने के ऊंचे स्तरों पर पहुंचने के बाद मुनाफावसूली शुरू कर दी है, जिससे ग्लोबल रेट्स में दबाव दिखा।
24 कैरेट गोल्ड (24K) का भाव ₹1,27,200 प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो पिछले बंद से ₹3,380 कम है।
22 कैरेट गोल्ड (22K) ₹1,16,600 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जिसमें ₹3,100 की गिरावट आई है।
वहीं 18 कैरेट गोल्ड (18K) ₹95,400 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा है, जो ₹2,540 नीचे है।
बड़ी मात्रा में खरीदारी करने वालों के लिए,
100 ग्राम 22 कैरेट सोना ₹11,66,000 में
और 100 ग्राम 24 कैरेट सोना ₹12,72,000 में मिल रहा है।
सिल्वर में भी गिरावट जारी
चांदी की कीमतों में भी लगातार पांचवें दिन गिरावट देखने को मिली।
प्रति किलो चांदी ₹1,63,900 पर पहुंच गई है, जो पिछले सत्र से ₹100 कम है।
100 ग्राम चांदी अब ₹16,390 में मिल रही है।
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में त्योहारों के दौरान हुई रिकॉर्ड सिल्वर बायिंग के चलते लंदन बुलियन मार्केट में सप्लाई की कमी देखी जा रही है।
इस बीच, सोलर इंडस्ट्री की बढ़ती खपत से वैश्विक मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है।
एमसीएक्स (MCX) में ट्रेडिंग रही बंद
दिवाली के चलते मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 21 अक्टूबर को ट्रेडिंग बंद रही थी।
पिछले बंद पर —
गोल्ड दिसंबर फ्यूचर्स ₹1,28,000 प्रति 10 ग्राम पर सेटल हुए थे, जो 0.21% नीचे थे।
वहीं सिल्वर दिसंबर फ्यूचर्स ₹1,50,000 प्रति किलो पर बंद हुए, जो 0.22% की गिरावट दिखाते हैं।
ट्रेडर्स का मानना है कि अब बाजार में पोस्ट-फेस्टिवल करेक्शन चल रहा है, और अगले दो हफ्तों में स्थिरता आने की उम्मीद है।
ग्लोबल मार्केट में गोल्ड दबाव में
Reuters की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पॉट गोल्ड में भी भारी गिरावट आई है।
स्पॉट गोल्ड $4,109.19 प्रति औंस पर ट्रेड कर रहा है, जो अगस्त 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।
वहीं यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.4% बढ़कर $4,124.10 प्रति औंस पर पहुंचे।
स्पॉट सिल्वर $48.82 प्रति औंस पर मामूली बढ़त के साथ ट्रेड कर रही है।
ग्लोबल स्तर पर यह गिरावट मुख्य रूप से प्रॉफिट बुकिंग और रिस्क एसेट्स में शिफ्ट के कारण देखी जा रही है।
निवेशक अब सोने से निकलकर शेयर बाजार और अन्य उच्च-जोखिम वाले एसेट्स की ओर रुख कर रहे हैं।
शादी का सीज़न देगा नई रफ्तार
भारतीय बाजार में दिवाली और धनतेरस के बाद अब शादी सीज़न की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
ज्वैलर्स का मानना है कि यह सीज़न फिर से गोल्ड की डिमांड को बढ़ाएगा।
ऑल इंडिया ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता के अनुसार,
“त्योहारों के बाद सोने में आई गिरावट खरीदारों के लिए अवसर है।
नवंबर और दिसंबर में शादी की बुकिंग के साथ गोल्ड की डिमांड 20-25% बढ़ सकती है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने का दीर्घकालिक दृष्टिकोण अब भी सकारात्मक है।
भले ही निकट भविष्य में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन
जियोपॉलिटिकल टेंशन, ग्लोबल इकॉनॉमी की अनिश्चितता और विवाह सीज़न की मांग सोने की कीमतों को सपोर्ट करेंगी।
सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक
भारत में सोने की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं —
अंतरराष्ट्रीय सोना दरें (Global Spot Rates)
आयात शुल्क और जीएसटी (Import Duty & GST)
रुपये की मजबूती या कमजोरी (INR Fluctuation)
स्थानीय मांग (Domestic Demand)
वैश्विक निवेश रुझान (Global Investment Sentiment)
यदि रुपया कमजोर होता है या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोना महंगा होता है, तो घरेलू बाजार में इसके दाम बढ़ जाते हैं।
वहीं, डॉलर के मजबूत होने और निवेशकों की मुनाफावसूली से सोना सस्ता होता है।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए यह गिरावट खरीदारी का मौका हो सकता है।
सोने का ऐतिहासिक ट्रेंड बताता है कि हर बड़ी गिरावट के बाद कीमतों में रिकवरी आती है।
ट्रेड एनालिस्ट रवि मिश्रा के अनुसार,
“वर्तमान में सोना ₹1,27,000 प्रति 10 ग्राम के आसपास ट्रेड कर रहा है।
अगर यह ₹1,25,000 तक जाता है तो वहां से एक अच्छा बाउंस देखने को मिल सकता है।
निवेशक इस डिप को लॉन्ग-टर्म के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।”
