Market Wrap: बाजार की दो दिन की तेजी पर ब्रेक
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिली, जिससे पिछले दो कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर विराम लग गया। ऑटो और वित्तीय शेयरों में कमजोरी, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
- Market Wrap: बाजार की दो दिन की तेजी पर ब्रेक
- किन कारणों से बाजार पर दबाव बना?
- 1. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
- 2. ऑटो और वित्तीय शेयरों में कमजोरी
- 3. भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर असमंजस
- 4. मैक्सिको की नई टैरिफ नीति का असर
- 5. रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
- बेंचमार्क इंडेक्स का हाल
- सेक्टोरल परफॉर्मेंस
- मिडकैप और स्मॉलकैप का हाल
- तकनीकी नजरिए से बाजार
- निवेशकों की रणनीति क्या हो?
- आने वाले दिनों में किन संकेतों पर रहेगी नजर?
- SamaypeNews का निष्कर्ष
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 54 अंक फिसलकर 85,213 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 20 अंक की गिरावट के साथ 26,027 के स्तर पर बंद हुआ।
किन कारणों से बाजार पर दबाव बना?
सोमवार के कारोबार में बाजार पर कई घरेलू और वैश्विक कारकों का असर देखने को मिला।
1. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजार से लगातार पूंजी निकाल रहे हैं।
कमजोर वैश्विक संकेत
डॉलर की मजबूती
उभरते बाजारों से जोखिम घटाने की रणनीति
इन कारणों से बाजार में दबाव बना रहा।
2. ऑटो और वित्तीय शेयरों में कमजोरी
सोमवार के सत्र में:
ऑटो सेक्टर
बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स
में बिकवाली देखी गई।
ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता और मांग में सुस्ती की आशंका ने इन सेक्टर्स पर असर डाला।
3. भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर असमंजस
भारत और अमेरिका के बीच संभावित ट्रेड डील को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है।
निवेशक:
टैरिफ
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट नीतियों
ग्लोबल सप्लाई चेन
से जुड़े संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
4. मैक्सिको की नई टैरिफ नीति का असर
मैक्सिको द्वारा आयात पर लागू की गई नई और व्यापक टैरिफ व्यवस्था को लेकर वैश्विक बाजारों में चिंता है।
इसका असर:
उभरते बाजारों की धारणा
वैश्विक व्यापार
पर पड़ सकता है, जिससे भारतीय बाजार भी अछूता नहीं रहा।
5. रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
सोमवार को भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
कमजोर रुपया:
आयात महंगा करता है
विदेशी निवेशकों की चिंता बढ़ाता है
महंगाई की आशंका पैदा करता है
जिससे शेयर बाजार पर दबाव बढ़ा।
बेंचमार्क इंडेक्स का हाल
कारोबार के अंत में प्रमुख सूचकांकों की स्थिति इस प्रकार रही:
S&P BSE Sensex:
गिरावट: 54 अंक
बंद: 85,213
नुकसान: 0.06%
NSE Nifty 50:
गिरावट: 20 अंक
बंद: 26,027
नुकसान: 0.08%
हालांकि गिरावट सीमित रही, लेकिन बाजार की चाल सतर्क बनी रही।
सेक्टोरल परफॉर्मेंस
सोमवार को सेक्टोरल आधार पर बाजार में मिला-जुला रुख देखने को मिला:
कमजोर सेक्टर
ऑटो
बैंकिंग
फाइनेंशियल सर्विसेज
सपाट से मजबूत सेक्टर
कुछ चुनिंदा मेटल स्टॉक्स
डिफेंसिव शेयरों में सीमित खरीदारी
हालांकि, कोई भी सेक्टर मजबूत लीडरशिप नहीं दिखा पाया।
मिडकैप और स्मॉलकैप का हाल
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी हल्की कमजोरी देखने को मिली
निवेशक फिलहाल बड़े और सुरक्षित शेयरों में ही सीमित रुचि दिखा रहे हैं
इससे साफ है कि बाजार में जोखिम लेने की भूख फिलहाल कम है।
तकनीकी नजरिए से बाजार
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार:
निफ्टी 26,000 का स्तर फिलहाल एक अहम सपोर्ट बना हुआ है
ऊपर की ओर 26,200–26,300 का स्तर रेजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है
जब तक स्पष्ट ग्लोबल संकेत नहीं मिलते, बाजार सीमित दायरे में रह सकता है।
निवेशकों की रणनीति क्या हो?
SamaypeNews से जुड़े बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि:
फिलहाल स्टॉक-स्पेसिफिक अप्रोच अपनानी चाहिए
अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयरों से बचना बेहतर होगा
मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है
आने वाले दिनों में किन संकेतों पर रहेगी नजर?
निवेशक आने वाले सत्रों में इन बातों पर खास ध्यान देंगे:
अमेरिका से आने वाले आर्थिक आंकड़े
डॉलर-रुपया मूवमेंट
FII की ट्रेडिंग गतिविधि
भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता से जुड़े अपडेट
SamaypeNews का निष्कर्ष
सोमवार का सत्र यह दर्शाता है कि:
बाजार में फिलहाल सतर्कता का माहौल है
बड़ी गिरावट नहीं, लेकिन मजबूती के लिए ट्रिगर की कमी है
दो दिन की तेजी के बाद आई यह हल्की गिरावट स्वस्थ कंसोलिडेशन का संकेत भी हो सकती है।
निवेशक फिलहाल बड़े फैसलों से पहले इंतजार और निगरानी की रणनीति अपना रहे हैं।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।
