Mastii 4 Movie Review: ‘मस्ती’ का मज़ा गायब, बची सिर्फ़ क्रिंज और कन्फ्यूज़न
‘मस्ती’ फ्रेंचाइज़ी के नाम ने एक समय पर दर्शकों के बीच एक अलग ही जगह बनाई थी। वयस्क हास्य, बेशर्म स्थितियाँ और तीन दोस्तों की केमिस्ट्री—इन सबने मिलकर इस सीरीज़ को यादगार बनाया था। लेकिन ‘Mastii 4’, यानी चौथे पार्ट ने इस फ्रेंचाइज़ी की आत्मा को लगभग खत्म कर दिया है।
- Mastii 4 Movie Review: ‘मस्ती’ का मज़ा गायब, बची सिर्फ़ क्रिंज और कन्फ्यूज़न
- फिल्म की कहानी: उलझन, शक और शरारत—लेकिन हंसी गायब
- परफॉर्मेंस: तिकड़ी की टाइमिंग कमजोर, सपोर्टिंग कास्ट असरहीन
- रितेश देशमुख
- विवेक ओबेरॉय
- आफताब शिवदासानी
- सपोर्टिंग कास्ट—Tusshar Kapoor, Ruhii Singh, Shreya Sharma, Nishant Malkhani, Shaad Randhawa
- Cameos—Arshad Warsi and Nargis Fakhri
- फिल्म का टोन और ह्यूमर: चार्म खत्म, कॉमेडी का फ्लेवर बासी
- सोशल मीडिया रिएक्शन: फैंस बंट गए दो हिस्सों में
- क्या फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल पाएगी?
- फ्रेंचाइज़ी को क्या चाहिए था?
फिल्म में विवेक ओबेरॉय, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी की तिकड़ी तो वही है, लेकिन मज़ा, ताज़गी और हास्य की टाइमिंग कहीं खो गई है। यही वजह है कि फिल्म दर्शकों को बांधने में नाकाम रहती है।
फिल्म की कहानी: उलझन, शक और शरारत—लेकिन हंसी गायब
‘Mastii 4’ वहीं से शुरू होती है जहाँ फ्रेंचाइज़ी आमतौर पर जाती है—तीन दोस्त, बोरिंग लाइफ और कुछ मसालेदार खोजने का जुनून। विवेक, रितेश और आफताब अपने-अपने रिश्तों में परेशान हैं और एक-दूसरे को भी ज्यादा पसंद नहीं करते।
हालात तब बदलते हैं जब उन्हें शक होता है कि उनकी पत्नियाँ किसी एक्स्ट्रा-मैरीटल अफेयर में शामिल हैं।
इसके बाद शुरू होता है “Reverse Masti”—जहाँ ये तीनों एक-दूसरे को मात देने, सच्चाई उजागर करने और एक-दूसरे की टांग खींचने में लग जाते हैं।
कागज़ पर यह आइडिया मज़ेदार लगता है, लेकिन स्क्रीन पर यह सिर्फ़ क्रिंज बनकर रह जाता है। कॉमेडी की जगह ज़बरदस्ती हास्य पैदा करने की कोशिश महसूस होती है।
परफॉर्मेंस: तिकड़ी की टाइमिंग कमजोर, सपोर्टिंग कास्ट असरहीन
रितेश देशमुख
उन्होंने हमेशा से ‘मस्ती’ फ्रेंचाइज़ी को अपने शानदार कॉमिक टाइमिंग से ऊंचा उठाया है। लेकिन इस बार कमजोर स्क्रिप्ट और सीमित मौका उन्हें भी फीका दिखा देता है।
विवेक ओबेरॉय
विवेक की स्क्रीन प्रेज़ेंस ठीक है, लेकिन उनका किरदार गहराई या मज़े का कोई अवसर नहीं देता। कई जगह वे सिर्फ़ डायलॉग बोलते नजर आते हैं, अभिनय नहीं।
आफताब शिवदासानी
आफताब हमेशा की तरह मासूम और मज़ेदार दिखने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिल्म उन्हें कोई नया स्पेस नहीं देती।
सपोर्टिंग कास्ट—Tusshar Kapoor, Ruhii Singh, Shreya Sharma, Nishant Malkhani, Shaad Randhawa
ये सब पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन फिल्म की कमजोर नींव के कारण कोई भी किरदार याद नहीं रहता।
Cameos—Arshad Warsi and Nargis Fakhri
इन कैमियो की एंट्री को हाईलाइट किया गया था, लेकिन ये सिर्फ चंद सेकंड की चमक साबित होते हैं।
फिल्म का टोन और ह्यूमर: चार्म खत्म, कॉमेडी का फ्लेवर बासी
फिल्म का ह्यूमर ना नया है, ना स्मार्ट, बल्कि बेहद पुराने तरह के डबल मीनिंग चुटकुलों से भरा हुआ है।
जहाँ फ्रेंचाइज़ी पहले शरारती हास्य के लिए जानी जाती थी,‘Mastii 4’ उसी फार्मूले को बिना किसी अपग्रेड के लाता है, जिसके कारण दर्शकों को पुराना पन महसूस होता है।
कई जगहों पर ऐसा लगता है कि फिल्म कॉमेडी के नाम पर सिर्फ़ शॉक वैल्यू और वयस्क कंटेंट पर निर्भर है।
सोशल मीडिया रिएक्शन: फैंस बंट गए दो हिस्सों में
फिल्म की रिलीज के बाद सोशल मीडिया पर मिलाजुला माहौल देखने मिला।
कुछ दर्शक खुश
“One of the best entertaining film ever – Rating 4/5”
जैसी प्रतिक्रियाएँ उन दर्शकों से आईं जो फ्रेंचाइज़ी के पुराने वक्त की ऊर्जा से जुड़े थे।
पर ज्यादातर दर्शक निराश
कई लोगों ने कॉमेडी को “cringe, forced and outdated” बताया।
क्या फिल्म बॉक्स ऑफिस पर चल पाएगी?
हालांकि ‘Mastii 4’ में बड़े नाम और लोकप्रिय तिकड़ी मौजूद है, लेकिन फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर लंबी दौड़ तय करने के लिए सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ की जरूरत होगी—जो अभी कमजोर दिखाई दे रहा है।
इसके बावजूद, यह फिल्म चर्चाओं में जरूर रहेगी, क्योंकि Bollywood में adult-comedy शैली कब से बदल नहीं पाई, इस पर बहस फिर शुरू होना तय है।
फ्रेंचाइज़ी को क्या चाहिए था?
ताज़ा आइडिया
दमदार कॉमिक लेखन
मॉडर्न ह्यूमर की समझ
किरदारों में नयापन
स्थितियों में रचनात्मकता
लेकिन फिल्म इनमें से कुछ भी ठोस नहीं देती।
