Shiprocket IPO: ₹2,342 करोड़ के इश्यू के लिए Sebi में अपडेटेड DRHP दाखिल
देश की तेजी से बढ़ती ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स और D2C सपोर्ट प्लेटफॉर्म Shiprocket ने शेयर बाजार में उतरने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। Temasek समर्थित इस कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के पास अपने अपडेटेड ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (UDRHP) दाखिल कर दिए हैं।
- Shiprocket IPO: ₹2,342 करोड़ के इश्यू के लिए Sebi में अपडेटेड DRHP दाखिल
- Shiprocket IPO का पूरा स्ट्रक्चर
- किन निवेशकों की हिस्सेदारी घटेगी?
- IPO के लीड मैनेजर्स कौन हैं?
- IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कैसे होगा?
- बिजनेस ग्रोथ और मार्केटिंग
- टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर
- कर्ज की अदायगी
- Inorganic Growth
- General Corporate Purpose
- Pre-IPO Placement का भी विकल्प
- Shiprocket का बिजनेस मॉडल
- फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में मजबूत ग्रोथ
- Confidential Route से IPO तक का सफर
- IPO निवेशकों के लिए क्यों अहम?
- निष्कर्ष
इस IPO के जरिए Shiprocket कुल ₹2,342 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी का कहना है कि इस फंड का इस्तेमाल बिजनेस विस्तार, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, कर्ज चुकाने और संभावित अधिग्रहण (Acquisition) के लिए किया जाएगा।
Shiprocket IPO का पूरा स्ट्रक्चर
अपडेटेड ड्राफ्ट के मुताबिक, Shiprocket का पब्लिक इश्यू दो हिस्सों में होगा:
Fresh Issue
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₹1,100 करोड़ तक के नए इक्विटी शेयर
Offer For Sale (OFS)
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₹1,242.3 करोड़ का ऑफर फॉर सेल
OFS के तहत मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी आंशिक रूप से बेचेंगे।
किन निवेशकों की हिस्सेदारी घटेगी?
इस IPO के दौरान जिन निवेशकों और प्रमोटर्स की हिस्सेदारी में कमी आएगी, उनमें शामिल हैं:
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Lightrock
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Tribe Capital
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Bertelsmann
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Arvind Ltd
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Gautam Kapoor
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Saahil Goel
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Vishesh Khurana
हालांकि, बड़े संस्थागत निवेशकों की मौजूदगी IPO को मजबूत आधार देती है और बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ाती है।
IPO के लीड मैनेजर्स कौन हैं?
Shiprocket IPO के लिए देश और विदेश के बड़े निवेश बैंक जुड़े हैं:
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Axis Capital
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BofA Securities India
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JM Financial
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Kotak Mahindra Capital Company
कंपनी के शेयर BSE और NSE दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किए जाने का प्रस्ताव है।
IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कैसे होगा?
UDRHP के अनुसार, Shiprocket IPO से मिलने वाली राशि को कई अहम क्षेत्रों में लगाया जाएगा:
बिजनेस ग्रोथ और मार्केटिंग
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Shiprocket प्लेटफॉर्म के प्रचार-प्रसार पर निवेश
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नए D2C और MSME कस्टमर्स को जोड़ने की रणनीति
टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर
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AI-ड्रिवन लॉजिस्टिक्स सिस्टम को और मजबूत करना
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कोर और इमर्जिंग बिजनेस दोनों के लिए टेक अपग्रेड
कर्ज की अदायगी
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मौजूदा कर्ज और उससे जुड़े ब्याज का भुगतान या प्री-पेमेंट
Inorganic Growth
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संभावित अधिग्रहण (Acquisition)
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नई कंपनियों या टेक प्लेटफॉर्म्स में निवेश
General Corporate Purpose
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रोजमर्रा की कॉरपोरेट जरूरतें
Pre-IPO Placement का भी विकल्प
Shiprocket ने यह भी संकेत दिया है कि वह ₹220 करोड़ तक का Pre-IPO Placement कर सकती है।
अगर ऐसा होता है, तो फ्रेश इश्यू का साइज उसी हिसाब से कम कर दिया जाएगा।
Shiprocket का बिजनेस मॉडल
Shiprocket अब सिर्फ एक शिपिंग कंपनी नहीं रही, बल्कि यह एक फुल-स्टैक ई-कॉमर्स एनेबलमेंट प्लेटफॉर्म बन चुकी है।
Core Business
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Domestic Shipping Platform
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Multi-modal Transportation
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Order Management और Tracking Tools
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AI-based Logistics Planning
Emerging Business
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Marketing Solutions
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Automation Services
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Technology-driven SaaS Products
फाइनेंशियल परफॉर्मेंस में मजबूत ग्रोथ
Emerging Business में तेज़ उछाल
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FY25 में 41% की ग्रोथ
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रेवेन्यू बढ़कर ₹326 करोड़
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कुल रेवेन्यू में हिस्सेदारी अब 20%, जो दो साल पहले सिर्फ 11% थी
Core Business की मजबूती
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Domestic shipping और value-added services से रेवेन्यू
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सालाना आधार पर 20% से ज्यादा की ग्रोथ
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FY25 में कोर बिजनेस रेवेन्यू ₹1,306 करोड़
Confidential Route से IPO तक का सफर
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मई 2025: Shiprocket ने Sebi में confidential route से IPO डॉक्यूमेंट्स दाखिल किए
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नवंबर 2025: Sebi से IPO की मंजूरी मिली
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अब: अपडेटेड DRHP दाखिल, IPO की तैयारी तेज़
यह दर्शाता है कि कंपनी पूरी तैयारी और रणनीति के साथ बाजार में उतरना चाहती है।
IPO निवेशकों के लिए क्यों अहम?
Shiprocket IPO कई कारणों से निवेशकों के लिए खास माना जा रहा है:
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भारत में D2C और ई-कॉमर्स सेक्टर की तेज़ ग्रोथ
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MSME डिजिटलाइजेशन का बढ़ता ट्रेंड
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Temasek जैसे ग्लोबल निवेशकों का सपोर्ट
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टेक्नोलॉजी-ड्रिवन लॉजिस्टिक्स मॉडल
हालांकि, निवेश से पहले निवेशकों को कंपनी के रिस्क फैक्टर्स और वैल्यूएशन पर ध्यान देना जरूरी है।
निष्कर्ष
Shiprocket IPO भारत के ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए एक बड़ा इवेंट साबित हो सकता है।
₹2,342 करोड़ के इस इश्यू के जरिए कंपनी अपने विस्तार की नई कहानी लिखने की तैयारी में है।
लेकिन जैसा कि हर IPO में होता है, निवेश से पहले फाइनेंशियल्स, ग्रोथ स्ट्रैटेजी और रिस्क फैक्टर्स का गहन अध्ययन जरूरी है।
Disclaimer:
यह लेख केवल शैक्षणिक और सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।
