Market Opening & Key Indices Performance
सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, 10 नवंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती सत्र में Sensex 83,200 के स्तर से ऊपर खुला, जबकि Nifty 25,500 के पार पहुंचा। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद बाजार ने मजबूती से क्लोजिंग दी — Sensex 300 अंकों की बढ़त के साथ 83,472.41 पर, जबकि Nifty 25,573.95 पर बंद हुआ।
वैश्विक बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों और अमेरिकी सरकार के शटडाउन पर समाधान की उम्मीदों ने निवेशकों के मनोबल को बढ़ाया। साथ ही, भारत में हाल ही में जारी हुए बेहतर कॉरपोरेट नतीजों ने भी बाजार को समर्थन दिया।
विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली थोड़ी धीमी हुई है, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) की ओर से मजबूत खरीदारी देखने को मिली। इसने समग्र बाजार भाव को स्थिर बनाए रखा।
Top 3 Gainers / Losers with Reasons
टॉप गेनर्स:
Nykaa (FSN E-Commerce Ventures Ltd) – कंपनी के तिमाही परिणामों में 200% से अधिक मुनाफे की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे शेयर में लगभग 4.2% की तेजी आई। बढ़ती ब्यूटी ई-कॉमर्स मांग और मजबूत त्योहार बिक्री ने स्टॉक को सपोर्ट किया।
Lupin Ltd – दवा निर्माता Lupin के शेयरों में लगभग 2.3% की बढ़त रही, कंपनी की नेट प्रॉफिट में 73% साल-दर-साल उछाल ने निवेशकों को आकर्षित किया।
Hindustan Aeronautics Ltd (HAL) – HAL के शेयरों में 2% की तेजी देखी गई, GE के साथ इंजन आपूर्ति समझौते की घोषणा ने स्टॉक में जोश भरा।
टॉप लूज़र्स:
Ola Electric – Moody’s द्वारा डाउनग्रेड रेटिंग और कैशफ्लो की चिंता के चलते 2.2% की गिरावट।
Lenskart Solutions – हाल ही में सूचीबद्ध कंपनी के शेयर अपने इश्यू प्राइस से नीचे फिसले, दिनभर में 1.7% की गिरावट दर्ज की गई।
Infosys – अमेरिकी क्लाइंट्स से धीमे ऑर्डर और डॉलर की मजबूती के चलते शेयर में 1% की गिरावट आई।
Sector Performance (IT, Banking, Pharma)
Banking & Financial Sector:
बैंकिंग शेयरों में मजबूती देखने को मिली। HDFC Bank, ICICI Bank, और Axis Bank ने बाजार को ऊपर खींचने में अहम भूमिका निभाई। RBI के हालिया डेटा में लोन ग्रोथ में सुधार के संकेतों ने बैंकिंग इंडेक्स को समर्थन दिया। Bank Nifty 0.6% ऊपर बंद हुआ।
IT Sector:
आईटी कंपनियों में हल्की गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक टेक स्टॉक्स में वेल्यूएशन को लेकर चिंताओं और अमेरिकी ब्याज दरों की दिशा को लेकर अनिश्चितता बनी रही। Infosys, TCS, और Tech Mahindra में हल्की कमजोरी रही।
Pharma Sector:
फार्मा इंडेक्स में मिक्स्ड ट्रेडिंग रही। जहां Lupin और Sun Pharma में तेजी थी, वहीं Dr. Reddy’s में मुनाफावसूली के कारण हल्की गिरावट देखी गई। घरेलू दवा कंपनियों को अमेरिकी मार्केट से नए ऑर्डर्स की उम्मीद है, जिससे निवेशक उत्साहित हैं।
Metal & FMCG:
मेटल सेक्टर में दबाव रहा क्योंकि चीन की मांग धीमी होने की खबरों ने मेटल की कीमतों को प्रभावित किया। वहीं FMCG शेयरों में सीमित तेजी देखने को मिली।
Market Sentiment and Global Cues
वैश्विक बाजारों की बात करें तो अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में हल्की तेजी रही। निवेशक अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा और फेडरल रिजर्व की नीति पर नज़र रखे हुए हैं।
एशियाई बाजारों में भी जापान और कोरिया के शेयरों में तेजी देखी गई, जिससे भारतीय बाजारों को सकारात्मक संकेत मिले।
तेल की कीमतों में स्थिरता और रुपये में मजबूती ने विदेशी निवेशकों के रुख को थोड़ा नरम किया है। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में आज भी चुनिंदा मुनाफावसूली देखने को मिली।
Expert Outlook for Tomorrow (11 November 2025)
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले सत्र में बाजार थोड़ी अस्थिरता के साथ सीमित दायरे में ट्रेड कर सकता है।
Religare Broking Ltd के SVP (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा,
“निफ्टी के लिए 25,300–25,250 का ज़ोन एक महत्वपूर्ण सपोर्ट रहेगा। यदि यह स्तर कायम रहता है, तो निफ्टी 25,700–25,800 तक जा सकता है।”
वहीं, SBI Securities के तकनीकी प्रमुख सुदीप शाह के अनुसार,
“FII की बिकवाली घटने और घरेलू मैक्रो डेटा में सुधार से बाजार में स्थिरता लौटेगी। हालांकि, निवेशकों को उच्च स्तरों पर सावधानी बरतनी चाहिए।”
मिश्रा ने आगे कहा कि निकट भविष्य में IT और मेटल सेक्टर में हल्की कमजोरी बनी रह सकती है, जबकि बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स बाजार का मुख्य सहारा बने रहेंगे।
Conclusion: क्या कल फिर दिखेगी तेजी?
कुल मिलाकर, आज का दिन बाजार के लिए सकारात्मक संकेतों वाला रहा। निवेशकों ने चुनिंदा बड़े स्टॉक्स में भरोसा दिखाया और बैंकिंग सेक्टर ने बाजार को ऊपर खींचा।
यदि वैश्विक संकेत स्थिर रहते हैं और FII सेलिंग घटती है, तो आने वाले सप्ताह में बाजार 25,700 के पार भी जा सकता है।
हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में वोलैटिलिटी बनी रह सकती है, इसलिए निवेशकों को फिलहाल लॉन्ग-टर्म फंडामेंटल्स पर फोकस करना चाहिए।
