Vilaayath Budha Review: दमदार अभिनय और शानदार तकनीकी टीम के बावजूद फीकी कहानी ने फिल्म का असर कम किया
मलयालम सिनेमा की दुनिया एक बार फिर एक बड़े नाम—Prithviraj Sukumaran—की नई फिल्म Vilaayath Budha लेकर आई है, जो 21 नवंबर 2025 को थिएटर्स में रिलीज हुई। डेब्यू डायरेक्टर Jayan Nambiar की यह फिल्म उसी नाम के मशहूर उपन्यास पर आधारित है। उम्मीदें बहुत थीं—thriller वाली थ्रिल, drama वाली intensity और Prithviraj के शानदार अभिनय का मेल। लेकिन क्या फिल्म उन उम्मीदों पर सफल उतरी?
- Vilaayath Budha Review: दमदार अभिनय और शानदार तकनीकी टीम के बावजूद फीकी कहानी ने फिल्म का असर कम किया
- कहानी: अकड़, बदला और लालच का संघर्ष
- फिल्म की खूबियां: दमदार परफॉर्मेंस और बेहतरीन तकनीकी पहलू
- 1. Prithviraj Sukumaran का शानदार अभिनय
- 2. Shammi Thilakan की अभिनय क्षमता ने छुआ दिल
- 3. Jakes Bejoy का Background Score – फिल्म की जान
- 4. Breath-taking Cinematography
- फिल्म की कमजोरियां: शानदार कहानी… लेकिन कमजोर screenplay
- 1. धीमी और बिखरी हुई narration
- 2. Ego clash की depth गायब
- 3. कमजोर screenplay और खराब dialogues
- 4. लंबी runtime और धीमा climax
- परफॉर्मेंस: एक्टर्स ने निभाई जिम्मेदारी, कहानी ने नहीं
- Prithviraj – तीखापन, दम और intensity
- Shammi Thilakan – standout performance
- Priyamvada Krishnan – promising लेकिन screen time कम
- VERDICT: शानदार acting और visuals… लेकिन कमजोर storytelling से फिल्म मिस करती है निशाना
SamaypeNews की यह विस्तृत समीक्षा आपको बताएगी कि इस फिल्म में क्या अच्छा था, क्या खटकता है और क्या आपको इसे थिएटर में देखना चाहिए।
कहानी: अकड़, बदला और लालच का संघर्ष
फिल्म की कहानी घूमती है Double Mohanan (Prithviraj) के इर्द-गिर्द, जो Marayur नाम के गांव में सैंडलवुड स्मगलिंग में शामिल है। उसके लिए यह धंधा सिर्फ लालच नहीं बल्कि जीवन का हिस्सा है—कुछ लोग उसे खलनायक मानते हैं तो कुछ उसे हीरो।
उसी गांव में Bhaskaran Master, एक रिटायर्ड टीचर, ने अपने घर में एक अनोखा और बहुमूल्य सुगंधित चंदन का पेड़ लगाया है। यह पेड़ उनके लिए सिर्फ संपत्ति नहीं, बल्कि एक निजी बदले और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक है।
जब Mohanan की नजर इस पेड़ पर पड़ती है, कहानी मोड़ लेती है।
यह मिशन:
सिर्फ पेड़ की कीमत के बारे में नहीं
बल्कि एक पुरानी खुन्नस
ego clash
और आधे-अधूरे रिश्ते की आग
सब मिलकर इस फिल्म की असली backbone बनते हैं।
कहानी की नींव मजबूत है—लेकिन स्क्रीनप्ले उसे संभाल पाने में कमजोर पड़ जाता है।
फिल्म की खूबियां: दमदार परफॉर्मेंस और बेहतरीन तकनीकी पहलू
हालांकि कहानी कहने का अंदाज़ कमजोर रहा, लेकिन कुछ पहलू चमक कर सामने आए।
1. Prithviraj Sukumaran का शानदार अभिनय
Prithviraj हर बार की तरह अपने किरदार में डूब जाते हैं। Double Mohanan का रुख, गुस्सा, चालाकी और उसकी vulnerability—सब कुछ उनकी आंखों और बॉडी लैंग्वेज में झलकता है।
उनका intense performance इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
2. Shammi Thilakan की अभिनय क्षमता ने छुआ दिल
फिल्म में सबसे अधिक तारीफ Shammi Thilakan को मिलनी चाहिए। अपने पिता Thilakan की विरासत को बखूबी निभाते हुए उन्होंने Bhaskaran Master का किरदार बेहद गहराई से जीवंत किया है।
उनका अभिनय कई दृश्यों में Prithviraj को भी मात देता है।
3. Jakes Bejoy का Background Score – फिल्म की जान
फिल्म की धीमी कहानी के बीच जो चीज आपको बांधे रखती है, वह है Jakes Bejoy का music।
उनका BGM:
raw emotions को बढ़ाता है
scenes में tension पैदा करता है
और कहानी में depth लाता है
वह contemporary Malayalam संगीत के सबसे बेहतरीन संगीतकारों में से एक बार फिर साबित हुए हैं।
4. Breath-taking Cinematography
Arvind S. Kashyap और Renadive की कैमरा वर्क फिल्म के visual tone को एक अलग स्तर पर ले जाती है।
उनने Marayur की खूबसूरत लोकेशंस को जिस serenity, contrast और rawness के साथ कैप्चर किया है, वह वाकई सराहनीय है।
फिल्म की कमजोरियां: शानदार कहानी… लेकिन कमजोर screenplay
सबसे बड़ा सवाल—जब उपन्यास इतना engaging है, तो फिल्म क्यों नहीं?
1. धीमी और बिखरी हुई narration
कहानी का flow इतना धीमा है कि दर्शक कई जगहें disconnect महसूस करते हैं।
पहले आधे घंटे के बाद फिल्म एक promising set-up बनाती है, लेकिन फिर बहुत जल्दी:
momentum टूट जाता है
प्लॉट बिखर जाता है
और scenes अपनी intensity खो देते हैं
2. Ego clash की depth गायब
मुख्य थीम दो पुरुषों का अहंकार टकराव है—लेकिन फिल्म इसे establish करने में असफल रहती है।
Prithviraj के “Driving License” या “Ayyappanum Koshiyum” जैसे फिल्मों में ego-clash brilliantly shown था। लेकिन Vilaayath Budha में वही spark missing है।
3. कमजोर screenplay और खराब dialogues
डायलॉग्स कमजोर और कई बार amateurish लगते हैं।
कहानी की भावनात्मक जटिलता dialogues में बिल्कुल नहीं झलकती।
स्क्रीनप्ले loose है, जिससे emotional connect टूट जाता है।
4. लंबी runtime और धीमा climax
फिल्म का second half बहुत sluggish है, जिससे दर्शकों की रुचि कम हो जाती है।
कई scenes unnecessarily stretched लगते हैं।
Climax उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता।
परफॉर्मेंस: एक्टर्स ने निभाई जिम्मेदारी, कहानी ने नहीं
Prithviraj – तीखापन, दम और intensity
Shammi Thilakan – standout performance
Priyamvada Krishnan – promising लेकिन screen time कम
अभिनय मजबूत है; कमी execution की है।
VERDICT: शानदार acting और visuals… लेकिन कमजोर storytelling से फिल्म मिस करती है निशाना
Vilaayath Budha एक ऐसी फिल्म है जिसमें:
दमदार performances
बेहतरीन cinematography
और शानदार background score
सब कुछ है, लेकिन एक tight screenplay और gripping narrative नहीं है।
अगर आप Prithviraj और Malayalam raw thrillers के फैन हैं, तो आप इसे एक बार देख सकते हैं।
लेकिन अगर आप fast-paced, engaging thrillers पसंद करते हैं—तो यह फिल्म आपके लिए थोड़ी भारी पड़ सकती है।


